बच्चों को पढ़ाने के साथ ही उनमें संस्कार भरने के लिए पहले परिषदीय स्कूलों में प्रार्थना कराई जाती है पर अधिकतर स्कूलों में यह देखने को नहीं मिलता क्योंकि या तो शिक्षक समय से नहीं आते या फिर आकर सीधे कक्षा में बैठ जाते हैं। हालांकि अब शिक्षकों को समय पर पहुंचकर प्रार्थना करानी ही पड़ेगी क्योंकि यही उनकी समय पर उपस्थिति का प्रमाण माना जाएगा।
शिक्षकों को प्रार्थना कराने के बाद तुरंत उसकी फोटो एनपीआरसी व बीआरसी के वाट्सएप ग्रुप पर भेजनी होगी। अभी जिले केमाधौगंज और भरखनी विकास खंड से इसकी शुरुआत हुई है। परिषदीय स्कूलों में सुबह विद्यालय खुलने की घंटी बजाकर बच्चों को बुलाने और फिर दूसरी घंटी बजाकर प्रार्थना कराने की व्यवस्था रही है। गुरु जी बच्चों को संस्कार का ज्ञान देने के साथ ही सफाई की भी जांच करते हैं लेकिन अब यह किसी स्कूल में नहीं दिखता। ज्यादातर स्कूल तो समय पर खुलते ही नहीं। ऐसे में बच्चे भी घरों से आकर खेलने में जुट जाते हैं और शिक्षकों के देर सबेर आकर सीधे कक्षाओं में बैठ जाते हैं। हालांकि विद्यालयों में संस्कार की शिक्षा देने के लिए खंड शिक्षा अधिकारी माधौगंज और भरखनी पवन द्विवेदी ने एक नई पहल की है। उन्होंने सुबह स्कूल निर्धारित समय पर खोलकर बच्चों की प्रार्थना कराने का आदेश दिया है। उन्होंने बतायासाफ सुथरे स्कूल में शिक्षक समय से आएं और फिर विद्यालय खुलने के बाद बच्चों की प्रार्थना हो, प्रार्थना में ही बच्चों को अलग अलग विषयों पर ज्ञान की बातें बताई जाएं तो निश्चित ही बच्चों का ज्ञान बढ़ने के साथ शिक्षा का स्तर भी उठेगा। इसके लिए अब शिक्षकों की मौजूदगी में बच्चों की प्रार्थना करती फोटो एनपीआरसी व बीआरसी ग्रुप पर भेजनी होगी। वहीं निर्धारित समय पर प्रार्थना की फोटो न भेजने वाले स्कूलों को चिह्न्ति कर उनका निरीक्षण होगा। खंड शिक्षा अधिकारी ने बताया कि कुछ अध्यापकों की शिकायत रहती है कि वह वाट्सएप प्रयोग नहीं करते या कुछ शिक्षिकाओं को फोटो से परहेज रहता है। ऐसे स्कूलों के प्रधानाध्यापक रोजाना प्रार्थना की फोटो सुरक्षित रखेंगे और आकस्मिक निरीक्षण के समय उन्हें दिखाना होगा।
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