Wednesday, May 31, 2017
हाथरस : 30 जून तक आधार कार्ड बनाने हेतु शासन द्वारा नामित हुई संस्था, विद्यालयों तक बच्चों को लेकर आयेंगे हेडमास्टर
हाथरस : सूचना आयोग ने बीएसए पर लगाया 25हजार जुर्माना, तीन माह में रिकवरी हेतु डीएम को लिखा पत्र
अब 62 की उम्र में रिटायर होंगे यूपी के सरकारी डॉक्टर, फैसले से इस वर्ष उपलब्ध हो जाएंगे 1000 डॉक्टर
ABVP की राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद में रखा गया नई शिक्षा नीति का प्रारूप, स्कूली शिक्षा हिंदी में एवं प्राथमिक/माध्यमिक पाठ्क्रम में कृषि को अनिवार्य विषय बनाने की मांग
एबीवीपी की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद में नई शिक्षा नीति के मसौदे पर एकमत बनाने की कोशिश होगी। इसके बाद इस नीति को शासन के पास भेजा जाएगा।
'हिंदी में हो स्कूली शिक्षा, अनिवार्य विषय हो कृषि'
मंगलवार को एलयू के डीपीए सभागार में राष्ट्रीय मंत्री सीमांत दास (असम), राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य शहजादी (तेलंगाना) और केरल के प्रांत मंत्री पी श्याम राज ने नई शिक्षा नीति के प्रस्तावों पर चर्चा की।
राष्ट्रीय मंत्री सीमांत दास ने बताया कि देश के कई इलाके कृषि और उससे जुड़े उद्योग धंधों के लिहाज से काफी संपन्न हैं। इन इलाकों के युवाओं को इन रोजगारों से जोड़ने और उन्हें प्रशिक्षित किया जाए तो उनके घर के पास ही उन्हें रोजगार का अवसर मिल जाएगा। वहीं राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य शहजादी ने निजी स्कूल कॉलेजों में मनमाना फीस बढ़ोत्तरी और अभिभावकों से होने वाली वसूली पर चिंता जताई। केरल के प्रांत मंत्री पी श्याम राज ने इतिहास की पुस्तकों में भारतीय नायकों को पर्याप्त सम्मान न दिए जाने पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत प्राथमिक शिक्षा अंग्रेजी के बजाय मातृभाषा में दिए जाने और राष्ट्रीय महापुरुषों को पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने की मांग की।
ABVP की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद में रखा गया नई शिक्षा नीति का प्रारूप
महराजगंज : परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को 1 से 15 जुलाई के बीच किया जाएगा यूनिफार्म का वितरण
महराजगंज : बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के बच्चों को ड्रेस का वितरण एक जुलाई से 15 जुलाई तक किया जाएगा। इस संबंध में उप्र. बेसिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद के सचिव संजय सिन्हा ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजा है। पत्र में कहा गया है कि वित्तीय व्यवस्था, यूनिफार्म वितरण की प्रक्रिया, क्रय प्रक्रिया, वितरण प्रक्रिया, वितरण का अनुश्रवण (जिसमें जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के साथ-साथ जिला विद्यालय निरीक्षक एवं मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक के दायित्व सम्मिलित है) तथा अनियमितता की स्थिति में उत्तरदायित्व के निर्धारण के सबंध में निर्देश दिए गए हैं। गुणवत्तापूर्ण यूनिफार्म, वितरण समयबद्ध ढंग से क्रय नियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करते हुए विद्यालय प्रबंध समिति के माध्यम किया जाना है तथा इसका विभिन्न स्तरों पर अनुश्रवण भी होना है।
महराजगंज : बीएसए ने कुछ चुनिंदा शिक्षक भर्तियों वाले शिक्षकों को छोड़ते हुए शेष शिक्षकों का मानव संपदा संसाधन प्रबंधन प्रणाली के तहत तीन दिन के अंदर रजिस्ट्रेशन और डाटा फीडिंंग करने का दिया निर्देश
डिग्री पर पिता का नाम ऑप्शनल बनाएगी यूजीसी, मेनका गांधी की मांग पर एचआरडी मंत्रालय ने दी सैद्धांतिक मंजूरी
डिग्री में पिता का नाम लिखने को वैकल्पिक बनाने के महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी के सुझाव को एचआरडी मंत्रालय की सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के बाद अब विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) इस प्रस्ताव पर जल्द काम शुरू करेगा।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ‘हम इस विचार से सहमत हैं। कोई छात्र अपनी मां का नाम लिखना चाहता हैं या पिता का, यह उसकी पसंद पर निर्भर होना चाहिए। हमें इस अवधारणा में कोई आपत्ति नहीं है। यूजीसी इस पर जल्द काम करेगा।’
मेनका ने अकेले अपने दम पर बच्चों का पालन-पोषण करने वाली माताओं की चिंता को उठाते हुए जावड़ेकर को पिछले महीने पत्र लिखा था और उनसे इस नियम को बदलने की मांग की थी, जिसके तहत छात्र के डिग्री प्रमाणपत्र में पिता का नाम लिखना जरूरी है। मेनका ने पत्र में लिखा कि ऐसी बहुत सी महिलाओं ने मुझसे संपर्क किया है जो अपने पति से अलग हो चुकी हैं और उन्हें पिता के नाम के बिना अपने बच्चों के लिए डिग्री प्रमाणपत्र पाने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। विवाह का टूटना या पति-पत्नी के बीच अलगाव एक हकीकत है और नियमों में भी यह दिखना चाहिए।
इटावा : प्रधानमंत्री सहित भाजपा के वरिष्ठ नेताओं पर अभद्र टिप्पणी करने वाले खंड शिक्षा अधिकारी के खिलाफ भाजपा का प्रदर्शन, गिरफ्तारी की मांग
प्रधानमंत्री सहित भाजपा के वरिष्ठ नेताओं पर अभद्र टिप्पणी करने वाले महेवा के खंड शिक्षा अधिकारी के खिलाफ भाजपा कार्यकर्ताओं का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। आक्रोशित भाजपाई खंड शिक्षा अधिकारी के कार्यालय पर एकत्रित गिरफ्तारी की मांग जिलाधिकारी से की।
खंड शिक्षा अधिकारी महेवा गजेंद्र सिंह ने तीन तलाक के मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वरिष्ठ भाजपा सांसद व पूर्व गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, सांसद कानपुर मुरली मनोहर जोशी, दिवंगत विश्व हंिदूू परिषद नेता अशोक सिंघल व आरएसएस पर अभद्र टिप्पणी अपने व्हाट्सएप ग्रुप पर की थी। इसके चलते भाजपा नेताओं में उनके प्रति भारी आक्रोश है। भाजपा जिलाध्यक्ष शिव महेश दुबे ने खंड शिक्षा अधिकारी के इस कृत्य की आलोचना करते हुए उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया है। वहीं मंगलवार को भाजपा नेता डॉ. राम गो¨वद त्रिपाठी, शुभम त्रिपाठी, संजय गगन, मिंटू दीक्षित, जगवेन्द्र सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ता बीआरसी बकेवर पर एकत्रित हुए और खंड शिक्षा अधिकारी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उनकी गिरफ्तारी व निलंबन की मांग की। जगवेन्द्र सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री व आरएसएस के लोगों पर की गई टिप्पणी बेहद निंदनीय है
गोरखपुर : बढ़े कदम : यहां कान्वेंट की तरह होगी पढ़ाई, आइजी ने दूसरी बार किया विद्यालय का दौरा, अभिभावकों से भी मिले
पिपरौली विकास खंड के जीतपुर में स्थित प्राथमिक विद्यालय जुलाई में जब खुलेगा तो पढ़ाई कान्वेंट विद्यालयों की तरह होगी। इस विद्यालय को आइजी मोहित अग्रवाल ने इस विद्यालय को कान्वेंट की तरह बनाने का संकल्प लेकर गोद लिया है। मंगलवार को उन्होंने दूसरी बार विद्यालय का दौरा किया। इस दौरान छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से मिलकर विद्यालय से जुड़ी समस्याओं की जानकारी ली। आइजी की पहल पर कुछ व्यापारी और कई सामाजिक संगठन विद्यालय को बेहतर बनाने के लिए आगे आए हैं। गांव की कई शिक्षित महिलाओं ने विद्यालय में आकर बच्चों को पढ़ाने की इच्छा व्यक्त की है।
आइजी के आने की सूचना पर ग्राम प्रधान अंगद निषाद सहित गांव के कई लोग तथा विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों के अभिभावक पहले से पहुंचे थे। विद्यालय में पानी की समस्या की बात सामने आने पर ग्राम प्रधान ने आइजी से परिसर में जल्दी ही इंडिया मार्का हैंडपंप लगवाने का भरोसा दिया।
इससे पहले आइजी जब इस विद्यालय में पहुंचे थे तो बच्चे टाटपट्टी पर बैठकर पढ़ते मिले थे। उसी समय उन्होंने जुलाई में स्कूल खुलने से पहले विद्यालय में बैठने के लिए कुर्सी और मेज की व्यवस्था कराने की बात कही थी। उनकी पहल पर गीडा स्थित क्रेजी ब्रेड के मालिक नवीन अग्रवाल ने विद्यालय से खुलने से पहले ही इसकी व्यवस्था करने के साथ ही रंगाई-पुताई कराने की बात कही है।
विद्यालय परिसर में ही उन्होंने अभिभावकों और ग्रामीणों के साथ बैठक कर अपने पाल्य को पढ़ने भेजने के लिए समझाया। ग्रामीणों से उन्होंने विद्यालय की कमियों को सीधे जानकारी देने को कहा है। बैठक खत्म होने के बाद ग्रामीणों के साथ मिलकर उन्होंने विद्यालय परिसर में पौधरोपण भी किया। इस विद्यालय को पिछले महीने आइजी ने गोद लिया था। प्रत्येक शुक्रवार को वह खुद विद्यालय पहुंचते हैं और बच्चों को को पढ़ाते हैं।विद्यालय में अभिभावकों के साथ बैठक करते आइजी मोहित अग्रवाल’
जीतपुर प्राथमिक विद्यालय को आइजी ने ले रखा है गोद गांव की शिक्षित महिलाओं ने बच्चों को पढ़ाने की जताई इच्छाविद्यालय की कमियों को दूर करने की कोशिश शुरू कर दी गई है। व्यापारी और सामाजिक संगठनों से इसमें सहयोग लिया जा रहा है। जुलाई में विद्यालय खुलने पर पढ़ने-पढ़ाने की व्यवस्था में सुधार किया जाएगा।मोहित अग्रवाल, आइजी जोन
Tuesday, May 30, 2017
झाँसी : वित्त एवं लेखाधिकारी ने स्वीकृत पदों के सापेक्ष वेतन निर्गत करने को बीईओ को किया निर्देशित, साथ ही माह की 25 तारीख तक वेरिएशन भेजने को किया निर्देशित
झाँसी : वित्त एवं लेखाधिकारी ने स्वीकृत पदों के सापेक्ष वेतन निर्गत करने को बीईओ को किया निर्देशित, साथ ही माह की 25 तारीख तक वेरिएशन भेजने को किया निर्देशित
संभल : बीएसए ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से शिक्षकों को दिए निर्देश, स्कूलों पर अवैध कब्जा किया तो प्रधानाध्यापक होंगे जिम्मेदार,
जागरण संवाददाता, सम्भल : परिषदीय स्कूलों में छुट्टियां हो गई हैं ऐसे में कुछ लोग स्कूलों पर अवैध रुप से कब्जा कर लेते हैं। बीएसए ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से शिक्षकों को दिए हैं कि अगर स्कूलों पर कब्जा किया तो वह जिम्मेदार होंगे।
जिले के सभी प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में छुट्टियां हो गई हैं। गत वर्ष देखा गया था कि कई स्कूलों में लोगों ने स्कूलों पर कब्जा कर लिया था। स्कूल खुलने के बाद बच्चों को बैठने के लिए स्थान नहीं होने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ा था। ग्रामीण क्षेत्र ही नहीं शहरों में भी बंद पड़े स्कूलों पर अवैध रुप से कब्जा कर लिया जाता है। इस वर्ष जिले के सभी परिषदीय स्कूलों में 20 मई से छुट्टियां घोषित कर दी गई हैं। ऐसे में बेसिक शिक्षा अधिकारी ने गत वर्ष हुए अवैध कब्जों का संज्ञान लेते हुए सभी खंड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से शिक्षकों को दिए हैं कि वह अवकाश के इन दिनों में अपने अपने स्कूलों में ध्यान रखें। अगर कोई कब्जा कर रहा है तो इसकी जानकारी तुरंत अधिकारियों को दें। जिससे समय पर स्कूलों को कब्जामुक्त कराकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई कराई जा सके
सरकार उत्तम शिक्षण के लिए संकल्पित : टीचर चेंजमेकर जोनल समिट में बोले बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री, वाराणसी व जौनपुर के चिन्हित परिषदीय शिक्षकों को किया सम्मानित
हाथरस : एक ही परिसर में संचालित प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों का शासन ने माँगा ब्यौरा, जनपद में संचालित हैं 242 ऐसे विद्यालय
हाथरस : बेसिक शिक्षा विभाग में सामने आया बड़ा मामला, बीएसए के फर्जी हस्ताक्षरों से हुए सात शिक्षकों के प्रमोशन
रामपुर : वेतन प्रमाण पत्र देने में परेशान किये जाने पर बेसिक शिक्षा के लेखा कार्यालय में शिक्षकों का हंगामा
जालौन : बीएसए कार्यालय में फैले भ्रष्टाचार पर राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ का प्रदर्शन, जिलाधिकारी को सौंपा मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन
40 बरस पुराने आदेश से हटेंगे सरप्लस शिक्षक, वादन भी होगा फेरबदल का आधार
धर्मेश अवस्थी ’ इलाहाबाद1अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों के सरप्लस शिक्षकों की खोज 40 साल पुराने आदेश से हो रही है। इसके लिए कक्षावार और अनुभाग वार छात्र-छात्रओं की संख्या मांगी जा रही है। प्रवक्ता व एलटी ग्रेड शिक्षकों के वादन को भी फेरबदल का आधार बनाने की तैयारी है। महकमे में सरप्लस शिक्षकों की रिपोर्ट मंगाने के लिए दो बार आदेश जारी हो चुके हैं लेकिन, विद्यालय और मंडलीय अफसर सूचनाएं नहीं दे रहे हैं। 1प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में हाईस्कूल स्तर के 4556 व इंटरमीडिएट के 4025 विद्यालय हैं। इन स्कूलों के सरप्लस अध्यापकों की रिपोर्ट मांगने के लिए नौ मई को ही जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र जारी हुआ है। 1शिक्षा निदेशक माध्यमिक की ओर से उप शिक्षा निदेशक विभा शुक्ला ने जिलों को निर्देश दिया है कि वह 20 नवंबर 1976 और 25 मई 1977 के शासनादेश में निर्धारित मानक के अनुसार जिले के अशासकीय विद्यालयों में कक्षावार, अनुभागवार छात्र संख्या सृजित व कार्यरत अध्यापकों का विवरण भेजे। इंटरमीडिएट स्तर का भी विवरण मांगा गया। यह निर्देश एलटी ग्रेड व प्रवक्ता के लिए दिया गया। अफसर बताते हैं कि अशासकीय स्कूलों में मानक का स्टैंडर्ड अब भी 1976 व 1977 का ही लागू है। 1यह जरूर है कि 1999 में अनुभाग का नए सिरे से गठन हुआ है। ज्ञात हो कि पहले एक अनुभाग में 40 बच्चे होते और बाद में इसे बढ़ाकर 65 कर दिया गया। 1शासन केनिर्देश पर उप शिक्षा निदेशक ने 19 मई तक जिलों से रिपोर्ट मांगी थी लेकिन, एक भी जिले से सूचना नहीं पहुंची। 26 मई को शिक्षा निदेशक माध्यमिक अमरनाथ वर्मा ने संयुक्त शिक्षा निदेशकों से 30 मई तक रिपोर्ट मांगी है लेकिन, इस आदेश के बाद से जिलों में हड़कंप मचा है। 1धर्मेश अवस्थी ’ इलाहाबाद1अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों के सरप्लस शिक्षकों की खोज 40 साल पुराने आदेश से हो रही है। इसके लिए कक्षावार और अनुभाग वार छात्र-छात्रओं की संख्या मांगी जा रही है। प्रवक्ता व एलटी ग्रेड शिक्षकों के वादन को भी फेरबदल का आधार बनाने की तैयारी है। महकमे में सरप्लस शिक्षकों की रिपोर्ट मंगाने के लिए दो बार आदेश जारी हो चुके हैं लेकिन, विद्यालय और मंडलीय अफसर सूचनाएं नहीं दे रहे हैं। 1प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में हाईस्कूल स्तर के 4556 व इंटरमीडिएट के 4025 विद्यालय हैं। इन स्कूलों के सरप्लस अध्यापकों की रिपोर्ट मांगने के लिए नौ मई को ही जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र जारी हुआ है। 1शिक्षा निदेशक माध्यमिक की ओर से उप शिक्षा निदेशक विभा शुक्ला ने जिलों को निर्देश दिया है कि वह 20 नवंबर 1976 और 25 मई 1977 के शासनादेश में निर्धारित मानक के अनुसार जिले के अशासकीय विद्यालयों में कक्षावार, अनुभागवार छात्र संख्या सृजित व कार्यरत अध्यापकों का विवरण भेजे। इंटरमीडिएट स्तर का भी विवरण मांगा गया। यह निर्देश एलटी ग्रेड व प्रवक्ता के लिए दिया गया। अफसर बताते हैं कि अशासकीय स्कूलों में मानक का स्टैंडर्ड अब भी 1976 व 1977 का ही लागू है। 1यह जरूर है कि 1999 में अनुभाग का नए सिरे से गठन हुआ है। ज्ञात हो कि पहले एक अनुभाग में 40 बच्चे होते और बाद में इसे बढ़ाकर 65 कर दिया गया। 1शासन केनिर्देश पर उप शिक्षा निदेशक ने 19 मई तक जिलों से रिपोर्ट मांगी थी लेकिन, एक भी जिले से सूचना नहीं पहुंची। 26 मई को शिक्षा निदेशक माध्यमिक अमरनाथ वर्मा ने संयुक्त शिक्षा निदेशकों से 30 मई तक रिपोर्ट मांगी है लेकिन, इस आदेश के बाद से जिलों में हड़कंप मचा है।
एडेड स्कूलों में लगेगी बायोमेट्रिक उपस्थिति, माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने जारी किया डीआईओएस को निर्देश, विद्यालयों को खुद उठाना होगा खर्चा
लखनऊ (डीएनएन)। अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में अब शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों से समय से विद्यालय आना होगा। साथ ही निर्धारित समय के बाद ही विद्यालय से जाना भी होगा। इसके लिए इन विद्यालयों में बायोमेट्रिक उपस्थिति लगेगी। शासन के आदेश के बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशक अमर नाथ वर्मा ने जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश जारी कर दिए हैं।राजधानी में कुल 108 अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय संचालित हैं। कई बार अफसरों के निरीक्षण में देखने को मिला है कि शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारी समय से विद्यालय में नहीं आते-जाते हैं। इससे शिक्षण कार्य भी प्रभावित होता है। चूंकि इनमें शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचरियों की उपस्थिति विद्यालय के रजिस्टर में लगती है। लिहाजा मनमाने तरीके से उपस्थिति का खेल चलता है। लेकिन अब इस पर रोक लगाने की तैयारी शुरू हो गई है। शासन ने निर्देश दिए हैं कि ऐसे सभी विद्यालयों में शिक्षकों एवं कर्मचारियों की बायोमैट्रिक उपस्थिति की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए। उन्होंने इस व्यवस्था को प्रभावी ढंग से लागू करने करने के भी सख्त निर्देश दिए हैं।
शासन ने बायोमैट्रिक उपस्थिति की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के निर्देश जारी करने के साथ ही यह भी कहा है कि इसके लिए जो भी व्ययभार आएगा। वह संस्था अपने निजी स्त्रोतों से वहन करेगी। साथ ही भविष्य में इसके लिए शासकीय धनराशि की मांग नहीं की जाएगी।एडेड माध्यमिक विद्यालयों में बायोमेट्रिक उपस्थिति का उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने कड़ा विरोध किया है। उनका कहना है कि शिक्षक पढ़े-लिखे होते हैं न कि बंधुवा मजदूर जो बायोमेट्रिक उपस्थिति लगाएंगे। रही बात, खुद इस व्यवस्था का खर्च उठाने की तो विद्यालयों में कक्षा एक से आठ तक निशुल्क शिक्षा है। बच्चों से कोई पैसा नहीं लिया जाता। साथ ही विद्यालयों में कोई धनराशि भी अलग से नहीं मिलती है। स्थिति यह है कि चाक- डेस्टर की व्यवस्था भी नहीं हो पा रही है। कक्षा एक से आठ निशल्क शिक्षा कर दी। बंधुवा मजदूर नहीं है। कहीं कोई शिकायत है तो प्रिंसिपल व मैनेजर की है।