बोर्ड से बात कर रही सरकारद इससे स्नातक डिग्री भी ले सकेंगे आईटीआई करने वाले छात्रद आठवीं पास के बाद दो साल के आईटीआई कोर्स पर मिलेगा दसवीं पास का दर्जाद दसवीं पास के बाद दो साल के आईटीआई कोर्स पर मिलेगा इंटर पास का दर्जा
आईटीआई करने पर मिलेगा
सीबीएसई के बराबर दर्जा !
औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) से मैकेनिक, कारपेंटर अथवा फिटर जैसे विभिन्न व्यावसायिक कायरे का प्रशिक्षण लेकर निकलने वाले छात्रों को आने वाले समय में 10वीं अथवा 12वीं के समकक्ष पढ़ाई का दर्जा प्राप्त होगा और उसके आधार पर वह आगे स्नातक, इंजीनियरिंग अथवा दूसरी पढ़ाई भी कर सकेंगे।सरकार इस व्यवस्था को अमली जामा पहनाने के लिए केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से बात कर रही है। कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय को उम्मीद है कि 2018-19 के शिक्षा सत्र से यह व्यवस्था अमल में आ जाएगी। कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि उनका मंत्रालय आईटीआई की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए प्रयासरत है।अभी आईटीआई से निकले युवकों को इसके प्रमाण-पत्र के आधार पर आगे सामान्य पढ़ाई या बीए, बीकॉम अथवा बीएससी या फिर इंजीनियरिंग अथवा बीबीए आदि पाठ्यक्र मों में प्रवेश का अवसर नहीं मिलता। रूडी ने कहा ‘‘हमारे मंत्रालय ने इस परेशानी को समझा है और इस दिशा में हम सीबीएसई से बात कर रहे हैं।इसमें तीन विषय वह होंगे जिन्हें आईटीआई पढ़ाता है और दो विषय बोर्ड की तरफ से दिये जाएंगे जिन्हें संबंधित छात्र को पास करना होगा। इसमें एक भाषा का विषय और दूसरा अन्य विषय होगा। ऐसी व्यवस्था का विचार है कि अभ्यर्थी जिन विषयों को आईटीआई में पढ़ रहा है उसके 60 प्रतिशत अंक रखे जाएंगे और शेष 40 प्रतिशत अंक बोर्ड द्वारा दिए गए दो विषय के होंगे।’रूडी ने कहा कि ‘‘एनआईओएस के साथ करार किया है। इसमें आठवीं पास के बाद दो साल का आईटीआई कोर्स करने वालों को सैंकेडरी स्कूल के बराबर और दसवीं के बाद दो साल का आईटीआई कोर्स करने वाले छात्रों को सीनियर सैंकडरी यानी 12वीं पास के बराबर का दर्जा प्राप्त होगा। द भाषा
द नई दिल्ली।
आईटीआई करने पर मिलेगा
सीबीएसई के बराबर दर्जा !
औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) से मैकेनिक, कारपेंटर अथवा फिटर जैसे विभिन्न व्यावसायिक कायरे का प्रशिक्षण लेकर निकलने वाले छात्रों को आने वाले समय में 10वीं अथवा 12वीं के समकक्ष पढ़ाई का दर्जा प्राप्त होगा और उसके आधार पर वह आगे स्नातक, इंजीनियरिंग अथवा दूसरी पढ़ाई भी कर सकेंगे।सरकार इस व्यवस्था को अमली जामा पहनाने के लिए केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से बात कर रही है। कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय को उम्मीद है कि 2018-19 के शिक्षा सत्र से यह व्यवस्था अमल में आ जाएगी। कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि उनका मंत्रालय आईटीआई की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए प्रयासरत है।अभी आईटीआई से निकले युवकों को इसके प्रमाण-पत्र के आधार पर आगे सामान्य पढ़ाई या बीए, बीकॉम अथवा बीएससी या फिर इंजीनियरिंग अथवा बीबीए आदि पाठ्यक्र मों में प्रवेश का अवसर नहीं मिलता। रूडी ने कहा ‘‘हमारे मंत्रालय ने इस परेशानी को समझा है और इस दिशा में हम सीबीएसई से बात कर रहे हैं।इसमें तीन विषय वह होंगे जिन्हें आईटीआई पढ़ाता है और दो विषय बोर्ड की तरफ से दिये जाएंगे जिन्हें संबंधित छात्र को पास करना होगा। इसमें एक भाषा का विषय और दूसरा अन्य विषय होगा। ऐसी व्यवस्था का विचार है कि अभ्यर्थी जिन विषयों को आईटीआई में पढ़ रहा है उसके 60 प्रतिशत अंक रखे जाएंगे और शेष 40 प्रतिशत अंक बोर्ड द्वारा दिए गए दो विषय के होंगे।’रूडी ने कहा कि ‘‘एनआईओएस के साथ करार किया है। इसमें आठवीं पास के बाद दो साल का आईटीआई कोर्स करने वालों को सैंकेडरी स्कूल के बराबर और दसवीं के बाद दो साल का आईटीआई कोर्स करने वाले छात्रों को सीनियर सैंकडरी यानी 12वीं पास के बराबर का दर्जा प्राप्त होगा। द भाषा
द नई दिल्ली।
No comments:
Write comments