हाथरस : बेसिक शिक्षा अधिकारी ने 15 दिन पूर्व तीन शिक्षकों की फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाए जाने का दोषी माना था। सत्यापन के बाद तीनों की सेवा समाप्त कर संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों को रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश दिए थे लेकिन अभी तक रिपोर्ट दर्ज नहीं हो सकी हैं। इन हालात में फर्जी शिक्षक कोर्ट का सहारा ले सकते हैं। 1बास पहुपी में तैनात समायोजित शिक्षक अमर सिंह और प्राथमिक विद्यालय परसारा में तैनात शिक्षिका नगमा हसन की जन्मतिथि में अंतर पाया गया था। बोर्ड से सत्यापन रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ था। इसके अलावा प्राथमिक विद्यालय गढ़ी गिरधरा में बाबूजी ने मृतक आश्रित में नौकरी पाई थी। सपा नेता ने फर्जी गोदनामा तैयार कर नौकरी हासिल करने की शिकायत अधिकारियों से की थी। तीनों ही प्रकरणों में बीएसए ने सेवा समाप्ति की कार्रवाई कर दी। खंड शिक्षा अधिकारी हाथरस और सादाबाद को शिक्षकों पर रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश जारी किए थे, लेकिन अभी तक रिपोर्ट किसी भी फर्जी शिक्षक पर दर्ज नहीं हो सकी है। इन हालात में कोर्ट जाने का समय शिक्षकों को मिल गया है। बताते चलें कि पहले भी कई शिक्षकों की सेवा समाप्त की गई थी, जो बाद में रिपोर्ट दर्ज न होने पर कोर्ट चले गए थे। खंड शिक्षा अधिकारी हाथरस जमुना प्रसाद सुमन ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए बीएसए से मुलाकात की जाएगी।
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