राज्य ब्यूरो, लखनऊ : संकल्प पत्र में किए गए वादों को पूरा करने में योगी सरकार जुटी है। मंगलवार को लोकभवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में संपन्न हुई कैबिनेट की नौवीं बैठक में चार महत्वपूर्ण फैसले किये गए। इन फैसलों में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने से लेकर चिकित्सा के क्षेत्र में आमजन को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पहल की गई है। मसलन कैबिनेट ने दीर्घकालीन नई खनन नीति को मंजूरी दी है जबकि प्रांतीय चिकित्सा सेवा (पीएमएस) संवर्ग के डाक्टरों के रिटायरमेंट की उम्र 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष कर दी गई है। पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे से समाजवादी शब्द हटा दिया गया है। सचिवालय के सुरक्षाकर्मियों के लिए हाईस्कूल की बजाय अब इंटरमीडिएट शैक्षिक योग्यता निर्धारित की गई है।1कैबिनेट की बैठक के बाद लोकभवन के मीडिया सेंटर में सरकार के प्रवक्ता व स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा और औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने पत्रकारों को फैसलों की जानकारी दी। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश में 18 हजार से अधिक डाक्टरों के पद स्वीकृत हैं जिसमें 7327 पद रिक्त हैं। हर वर्ष ढाई सौ से तीन सौ चिकित्सक सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इसलिए उनकी सेवानिवृत्त होने की उम्र दो वर्ष बढ़ाई गई है। इस फैसले से स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सक बने रहेंगे।
डीएनएन)। यूपी सरकार ने सरकारी चिकित्सालयों में तैनात डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 से बढ़ाकर 62 साल करने का फैसला किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक के बाद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि डॉक्टर की सेवानिवृत्ति की आयु 60 से बढ़ाकर 62 साल कर दी गई है। इससे 2017-18 में एक हजार डॉक्टर उपलब्ध हो जाएंगे।उन्होंने बताया कि अधिक से अधिक लोगों को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के मकसद से यह फैसला किया गया। इस फैसले से सेवानिवृृृत्त हो रहे लगभग 1100 डाक्टरों की सेवाएं अगले दो और वर्ष तक मरीजों को उपलब्ध होगी।
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