पूर्व शिक्षाधिकारियों की सीबीआइ करे जांच
उरई : पूर्व में जिले में तैनात रहे शिक्षा अधिकारियों ने स्थानांतरण के नाम पर भ्रष्टाचार किया है। जिसकी शिकायत राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ पहले भी कर चुका है। संगठन की मांग है कि प्रकरण की जांच सीबीआई से होनी चाहिए। इसलिए वह मुख्यमंत्री संबोधित ज्ञापन उन्हें देने के लिए आए है।
यह बात सोमवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे संगठन के पदाधिकारियों ने डीएम को मांग पत्र सौंपते हुए कही।
संगठन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेंद्र स्वर्णकार, ब्लाक अध्यक्ष डकोर संतोष विश्वकर्मा, ब्लाक मंत्री सुशील राजपूत व ब्लाक प्रभारी अर¨वद कुमार ने डीएम को 28 सूत्रीय मांग पत्र देते हुए बताया कि पूर्व में तैनात रहे बीएसए प्रदीप कुमार पाण्डेय ने राजेश कुमार वर्मा व अजीत कुमार के साथ मिल कर आपराधिक पड़यंत्र रच कर लाखों रुपये लेकर जिले में तैनात शिक्षकों के स्थानांतरण किए। इसके साथ ही उनका शोषण करके काला धन कमाया। इसके साक्ष्य भी मौजूद है।
उन्होंने कहा कि इन पूरे पड़यंत्र में शिक्षा अधिकारियों ने कार्यालय में तैनात लिपिक त्रिलोकी गुप्ता, वीरेंद्र कुमार व सचिव बेसिक शिक्षा संजय सिन्हा भी शामिल रहे है। शिक्षकों को स्थनांतरण में शासनादेशों का उल्लंघन कर विद्यालयों में अध्यापकों की पदस्थापना, पदोन्नति, निलंबन, बहाली का खेल खेला गया। इसलिए प्रकरण की जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए। ताकि ऐसे भ्रष्ट अफसरों व कर्मियों पर कार्रवाई हो सके। डीएम नरेंद्र शंकर पाण्डेय ने बताया कि ज्ञापन मुख्यमंत्री संबोधित है। उसे उचित माध्यम से लखनऊ मुख्यमंत्री कार्यालय भेजा जाएगा।
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