⚫ इन 31 जिलों में कोडिंग की कॉपियों पर हो रही परीक्षा
यूपी बोर्ड परीक्षा में नकल के मामले में संवेदनशील 31 जिलों में परीक्षा पिछले दो साल से क्रमांकित कॉपियों पर कराई जा रही है। इसमें शाहजहांपुर, मुरादाबाद, बदायूं, संभल, हरदोई, गोंडा, अंबेडकर नगर, सुल्तानपुर, संत कबीर नगर, सिद्धार्थ नगर, कुशीनगर, आगरा, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, एटा, मैनपुरी, फिरोजाबाद, कासगंज, आजमगढ़, जौनपुर, इलाहाबाद, कौशांबी, कानपुर नगर, कानपुर देहात, फतेहपुर, चित्रकूट, बलिया, देवरिया, भदोही व गाजीपुर शामिल हैं।
इलाहाबाद : यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटर की परीक्षाओं में नकल पर पूरी तरह से अंकुश लगाने की तैयारी है। बोर्ड प्रशासन प्रदेश के 19 और जिलों में भी क्रमांकित यानी कोडिंगयुक्त कॉपियों पर परीक्षा कराना चाहता है। शासन ने इसकी अनुमति दी तो कोडिंग वाले जिलों की संख्या बढ़कर 50 हो जाएगी। बोर्ड अफसरों की मंशा है कि अगले कुछ वर्षो में सभी जिलों में पूरी परीक्षा कोडिंग वाली कॉपियों पर ही हो, ताकि उत्तरपुस्तिकाओं के अदला-बदली की कोई गुंजाइश न रहे।
माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा में नकल पर अंकुश लगाने के लिए तरह-तरह के प्रयोग हो रहे हैं। हर जिले में संवेदनशील, अति संवेदनशील परीक्षा केंद्र चुने जाते है, ताकि उसी के अनुरूप उनकी निगरानी हो, केंद्र पर स्टैटिक मजिस्ट्रेट नियुक्त करने और संवेदनशील केंद्रों पर बाहर के शिक्षक को केंद्र व्यवस्थापक बनाया जा रहा है। इस बार से परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरा लगाने तक का प्रबंध हो रहा है। बोर्ड प्रशासन पिछले दो वर्ष से प्रदेश के संवेदनशील 31 जिलों में कोडिंग युक्त कॉपियों पर परीक्षा करा रहा है। इसका मकसद इम्तिहान के दौरान कॉपियों की अदला-बदली पर अंकुश लगाना है। 2017 की परीक्षा की तैयारियों के दौरान बोर्ड ने कोडिंग वाले जिलों की संख्या बढ़ाने का अनुरोध किया था, लेकिन राजकीय मुद्रणालय ने विधानसभा चुनाव की तैयारियों के कारण अधिक जिलों की कॉपियों की कोडिंग करने में असमर्थता जताई थी।
यूपी बोर्ड अब 2018 की हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा तैयारियां भी कर रहा है। इस बार सूबे के 19 नये जिलों में कोडिंग वाली कॉपियां और भेजी जाएंगी। इससे क्रमांकित कॉपियों पर परीक्षा कराने वाले जिलों की संख्या बढ़कर 50 हो जाएगी। परिषद सचिव शैल यादव ने बताया कि इस संबंध में उन्होंने शासन को प्रस्ताव भेजा है, अनुमति मिलने के बाद तेजी से तैयारियां करेंगे। 110 जिलों में होगी बार कोडिंग 1यूपी बोर्ड 50 जिलों की क्रमांकित कॉपियों में से 10 जिलों में बार कोडिंग यानी कॉपी पर विशेष नंबर डालेगा। यह प्रयोग नकल के मामले में अतिसंवेदनशील जिलों में होगा। बोर्ड ने पिछले साल से अंकपत्र व प्रमाणपत्रों की सुरक्षा के लिहाज से बार कोडिंग करा चुका है, ताकि कोई परीक्षार्थी हेराफेरी न कर सके। अफसर अंकपत्र या फिर प्रमाणपत्र देखकर जान लेंगे कि वह सही है या नहीं।
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