फतेहपुर : गर्मी की छुट्टी के बाद स्कूलों के खोलने की तैयारी की जा रही है। पेयजल का संकट पूर्व में भी परेशान करता रहा है। समस्या के निदान न होने से पेयजल संकट सुरसा की तरह मुंह फैलाए खड़ा है। यूं तो बेसिक शिक्षा विभाग खराब हुए हैंडपंपों को सुधरवाने के लिए कई बार जिला प्रशासन को पूर्व में पत्र लिखा था इस बार भी वहीं हुआ जो पूर्व में होता आया है। छोटी मोटी मरम्मत को विभाग अपने स्तर से करा लेता है लेकिन जल स्तर खिसक जाने और रिबोर की श्रेणी में आकर खड़े हुए हैंडपंप को बनवाने के लिए जिला प्रशासन का मुंह ताकना पड़ता है।
जुलाई के पहले दिन से स्कूल खोलने की तैयारी है मौजूदा समय में 506 हैंडपंप रिबोर होंगे तब जाकर पेयजल मुहैया हो सकेगा। 216 हैंडपंप ऐसे हैं जो छोटी मोटी तकनीकी खामी से खराब पड़े हुए हैं। कुल मिलाकर जिले के 2648 परिषदीय स्कूलों में पेयजल संकट खासा परेशान करेगा। जिले के 1902 प्राथमिक और 746 उच्च प्राथमिक स्कूलों में लगाए गए हैंडपंपों की दशा खासी खराब है।
विभाग की रिपोर्ट को मानें तो रिबोर और तकनीकी खराबी से 722 हैंडपंप समस्या खड़ी किए हुए हैं। हैंडपंप खराब होने के चलते बीते समय में पीने के पानी से गुरु शिष्य जूझ रहा था। बदकिस्मती से यह सिलसिला बदस्तूर जारी है। प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में पेयजल के संकट से गुरु और शिष्य खासे परेशान हैं। पीने के पानी के जतन में लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्कूलों में तैनात प्रधानाध्यापकों ने दो माह पहले खराब हैंडपंपों की सूची भेजी थी। पीने के पानी से जूझ रहे गुरुजी ने सबसे पहले इसकी शिकायत खंड शिक्षाधिकारी के पास की। शिकायत को आगे बढ़ाने के लिए खंड शिक्षाधिकारियों ने इसकी जांच कराई। जांच के बाद रिपोर्ट बीएसए को भेजी हैं।
शहर से लेकर गांव तक खुले स्कूलों में स्कूल पेयजल के संकट से जूझ रहे हैं। इन लोगों को पीने के पानी को पाने के लिए लंबी दूरी नापनी पड़ती है। बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि एक माह पहले की रिपोर्ट मंगाई गई थी। जिसके आधार पर डीएम को रिपोर्ट की गई थी कि हैंडपंपों को ठीक करा दिया जाए जिससे कि पेयजल संकट दूर हो सके। छोटी मोटी तकनीकी खामी से खराब हैंडपंपों को स्कूल स्तर से ही सुधरवाने के आदेश दिए गए हैं।
अच्छी बरसात न होने से गहराएगा संकट :बरसात होने से जलस्तर सुधरेगा यह बात मानी जा रही है। बीते सालों में बरसात की स्थिति अच्छी नहीं रही है। जिसके चलते पेयजल संकट गहराया है।भूगर्भ जल दिनों दिन गिरता जा रहा है। बरसात होने के बाद ही भूगर्भ जलस्तर में सुधार संभव है। अन्यथा की स्थिति में आने वाले दिनों में जलस्तर गिरेगा तो पेयजल के लिए लगाए गए हैंडपंप खराब होते जाएंगे।
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