इलाहाबाद : नियुक्तियों में देरी होने से अभ्यर्थियों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। प्रदेश के अशासकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में चयनित अभ्यर्थियों ने बुधवार को उच्च शिक्षा निदेशक दफ्तर पर कब्जा कर लिया। उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग से चयन होने के बाद भी कॉलेज आवंटन न होने से अभ्यर्थी खफा थे। वह कई बार निदेशक से मिलकर आवंटन का अनुरोध कर चुके थे। अनसुनी होने पर अभ्यर्थियों ने एकजुट होकर उग्र आंदोलन किया। दफ्तर की बिजली काटकर उन्हें किसी तरह से निकाला गया।
अशासकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग उप्र कर रहा है। आयोग पिछले कुछ महीनों में 34 अलग-अलग विषयों में करीब 900 अभ्यर्थियों का चयन कर चुका है। उनकी पत्रवली शासन को भेजी गई और वहां से चयनित अभ्यर्थियों को कॉलेज आवंटित करने के लिए फाइल उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. राजेंद्र पाल सिंह के यहां पहुंच गई। चयनित अभ्यर्थी इधर लगातार शिक्षा निदेशालय जाकर उच्च शिक्षा निदेशक से कालेज आवंटन करने की मांग कर रहे थे, अभ्यर्थियों का कहना है कि हर बार उन्हें आश्वासन दिया गया, लेकिन आवंटन प्रक्रिया शुरू नहीं हुई।
अनुरोध करते आजिज आ चुके अभ्यर्थी बुधवार को आंदोलन के रास्ते पर बढ़ चले। सुबह दस बजे शिक्षा निदेशालय के उच्च शिक्षा निदेशक कक्ष में जबरन घुस गए और वहीं कुर्सियों और जमीन पर बैठकर नारेबाजी शुरू कर दी। आंदोलन कर रहे चयनित अभ्यर्थियों ने अल्टीमेटम दिया कि जब तक कॉलेज आवंटन की तारीख तय नहीं होगी वह यहां से नहीं जाएंगे। दिन भर उनकी मान-मनौव्वल होती रही लेकिन, वे नहीं माने।
बुधवार शाम साढ़े छह बजे सिविल लाइंस थाने की पुलिस ने कार्यालय की बिजली कटवा दी और उसके बाद अभ्यर्थियों को किसी तरह से बाहर निकाला। पुलिस ने आंदोलनकारियों को अपर जिलाधिकारी प्रशासन अतुल सिंह से मिलवाया। उन्होंने उच्च शिक्षा निदेशक से फोन पर वार्ता कराई, तब आंदोलन स्थगित हुआ। चयनित अभ्यर्थी सुरेंद्र नारायण शर्मा व सतीश सिंह ने बताया कि वादा पूरा नहीं हुआ तो अफसरों को भी चैन से बैठने नहीं देंगे।
01 जुलाई से कॉलेज आवंटन का वादा : चयनित अभ्यर्थियों को उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. आरपी सिंह ने आश्वस्त किया है कि जुलाई से असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर जिनका चयन हुआ है उनको कॉलेज आवंटित करना शुरू करेंगे। डा. सिंह ने ‘दैनिक जागरण’ को बताया कि वह शासकीय कार्य से लखनऊ में है, आंदोलन की सूचना उन्हें मिली है। अभ्यर्थियों के कॉलेज आवंटन की फाइल उनके यहां पर बीते 27 मार्च से लंबित है लेकिन, यह प्रक्रिया आगे क्यों नहीं बढ़ सकी, वह बता नहीं सकते।
No comments:
Write comments