फतेहपुर : बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा जारी की गई आन लाइन स्थानांतरण-समायोजन नीति गुरुजी को परेशानी में डालने वाली है। सेटिंग गेटिंग करके स्कूलों में तैनाती का प्लान ध्वस्त हो जाएगा। हाल यह रहा कि सुविधापरक स्कूलों में छात्र संख्या कम होने के बावजूद अधिक शिक्षक-शिक्षिकाओं की तैनाती कर रखी थी। विभाग के जिम्मेदारों के साथ मिल जुलकर यह खेल दशकों से खेला जा रहा था। शहर से लेकर गांव तक के स्कूलों में ऐसी स्थिति के मामले भी उजागर हुए लेकिन खाऊ कमाऊ नीति के चलते इसमें रोकथाम नहीं लग पाई थी।
शासन ने खंड शिक्षाधिकारियों की सत्यापित कॉपी से आन लाइन रिपोर्ट मंगा ली है। जिसमें प्रत्येक स्कूल में छात्र संख्या एवं शिक्षक-शिक्षिकाओं की तैनाती का ब्यौरा मांगा गया है। विभाग के जानकार बताते हैं कि आन लाइन सिस्टम से भेजी गई रिपोर्ट से बदलाव किए जाएंगे। यह भी शासन तय करेगा कि अमुक स्कूल से कितने शिक्षकों को तनख्वाह मिलेगी। बदलाव की जद में गणित और विज्ञान के पद पर नई पारी शुरु करने वाले शिक्षक-शिक्षिकाएं आ रही हैं। कारण कि यह वरिष्ठता के आधार पर सबसे पीछे की पंक्ति में खड़े हैं। बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि शासन का जो भी आदेश होगा उसका पालन कराया जाएगा। हर शिक्षक-शिक्षिका को तैनाती वाले स्कूलों में दायित्व निर्वाहन करना होगा।
अधिक शिक्षकों की तैनाती एक खोले स्कूल :यमुना तटवर्ती गांवों के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक-शिक्षिकाओं की कमतर उपस्थिति की पड़ताल तत्कालीन डीएम राजीव रौतेला ने अपने स्तर पर कराई तो पता चला कि 300 स्कूल ऐसे हैं जहां पर केवल एक शिक्षक ही पहुंचता है। सेटिंग करके पहले अधिक शिक्षकों की तैनाती करवाई गई फिर योजना के मुताबिक एक शिक्षक की ड्यूटी लगा ली।
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