विद्यालयों के मध्याह्न भोजन में सुधार के आसार दिखने लगे है। परिषदीय विद्यालयों के साथ मदरसा, माध्यमिक विद्यालय में बच्चों को दोपहर में मिलने वाले भोजन पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। एक जुलाई से नई व्यवस्था प्रभावी रहेगी। जिलास्तर पर बुधवार व ब्लाक स्तर हर शनिवार को टास्क फोर्स की बैठक होगी। साथ ही अधिकारियों के निरीक्षण व निगरानी की भी समीक्षा की जाएगी।
जिले के परिषदीय विद्यालयों में दोपहर को बनने वाले भोजन की गुणवत्ता को सुधारने के लिए जिलाधिकारी ने दिशा निर्देश जारी किया गया है। इसके लिए एमडीएम टास्क फोर्स के साथ विभागीय अधिकारियों को अहम जिम्मेदारी सौंपी सौंपी गई है। 1075 प्राथमिक, 443 उच्च प्राथमिक, 14 मकतब मदरसा, 34 सहायता प्राप्त व 35 माध्यमिक विद्यालयों में बनने वाले भोजन की नियमित जांच होगी। इसके लिए हर शनिवार को ब्लाक स्तर पर गठित टास्क फोर्स की बैठक करने साप्ताहिक समीक्षा की जाएगी। बुधवार को जिला स्तरीय बैठक में निरीक्षण, दैनिक अनुश्रवण प्रणाली आदि की समीक्षा होगी। यहीं पर सभी रिपोर्ट पेश की जाएगी। डीएम की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में बेसिक शिक्षा विभाग की कलई खुलकर सामने आएगी। भोजन की गुणवत्ता की हकीकत क्या है? इसका खुलासा होगा।
एमडीएम के संचालन में परिषदीय विद्यालयों में मनमानी की जा रही है। घटिया भोजन कराकर बच्चों को घर भेज दिया जाता था। सड़ी-गली खाद्य सामग्री खपा दी जा रही है। अब निरीक्षकों की जांच का खौफ इन बेलगाम जिम्मेदारों पर रहेगा।
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