डेली न्यूज़ नेटवर्कलखनऊ। राजधानी के परिषदीय विद्यालयों में तैनात करीब छह हजार शिक्षकों के आगे वेतन का संकट खड़ा हो गया है। सभी शिक्षकों का सातवें पे कमीशन के अनुसार वेतन निर्धारण न होने और मोहनलालगंज के 43 शिक्षकों की सर्विस बुक गायब होने की वजह से वेतन जारी नहीं किया गया है। दो महीने से वेतन न मिलने से नाराज शिक्षकों ने उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ के नेतृत्व में आंदोलन की चेतावनी दी है। संघ का कहना है कि यदि इस माह शिक्षकों का वेतन जारी नहीं हुआ तो स्कूल खुलने के पहले ही दिन शिक्षक धरने पर बैठ जाएंगे।दरअसल, राजधानी में करीब 1837 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में छह हजार शिक्षक कार्यरत हैं। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला महामंत्री वीरेंद्र सिंह के मुताबिक परिषदीय अध्यापकों को अप्रैल व मई का वेतन अभी तक नसीब नहीं हो पाया है। उनका आरोप है कि सातवें पे कमीशन के वेतन निर्धारण में लेखाधिकारी की लापरवाही के चलते अध्यापकों को समय से वेतन नहीं मिला है। वेतन में देरी का कारण मोहनलालगंज के लगभग 43 शिक्षकों की वर्षो सें सेवा पुस्तिकाओं का गायब होना भी है। वहां के पूर्व खंड शिक्षा अधिकारी कमलेश सिंह के समय से सैकड़ों गायब सर्विस बुक अभी तक नही मिली है। जिसकी वजह से लखनऊ के हजारों शिक्षक भुखमरी की कगार पर हैं। लेकिन अधिकारी हाथ पर हाथ रख कर बैठे हैं। दूसरी ओर बैंक से लोन लेने वाले शिक्षकों को भी बैंक के लोग परेशान कर रहे हैं। प्राथमिक शिक्षक संघ ने आन्दोलन की तैयारी कर ली है।सिर्फ दो ब्लॉक में वेतन निर्धारण का काम पूरालेखाधिकारी कार्यालय के मुताबिक सातवें पे कमीशन के अनुसार शिक्षकों के वेतन निर्धारण का काम माल व काकोरी में पूरा हो चुका है। लेकिन बीकेटी, मोहनलालगंज सहित अन्य ब्लॉकों में सभी शिक्षकों को वेतन निर्धारण अभी नहीं हो पाया है। जबकि कई बार इसके लिए पत्र लिखा जा चुका है। मोहनलालगंज में 43 शिक्षकों की सर्विस बुक ही गायब है। बिना सर्विस बुक वेतन निर्धारण नहीं किया जा सकता। वहीं, जिन शिक्षकों की सर्विस बुक नहीं मिलती है तो उनका वेतन निर्धारण एक-एक 2016 के अनुसार किया जाएगा।
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