ये किताबें रहेंगी
सोने की खेती, खेती-किसानी, समझदार लडकियां, देवताओं का अहंकार, प्यारी मां मदर टेरेसा, पानी स्वच्छता एवं महिलाओं का स्वास्थ्य, जंगल में रोटी, रेल का पास, हमारा ब्रह्मांड, भारत के प्रमुख वाद्य यंत्र, धरती की पाती, संस्कृति, जल देवा, शेर व गिरगिट, पृथ्वी घूमती है, शहीद आजाद, जय जय भारत देश, हमारे पथ प्रदर्शक, किसान की बेटी, राष्ट्रीय अखंडता व छोटे परिवारों के आदर्श आदि पुस्तकें भेजी गई हैं।
कवायद
साक्षर भारत मिशन के तहत 1054 ग्राम पंचायतों में संचालित लोक शिक्षा केंद्रों पर पुस्तकालय की स्थापना होगी। इसमें कानून, रेल, संस्कृति, कृषि सहित अन्य सामाजिक सरोकार से जुड़ी किताबें उपलब्ध रहेंगी। जिसे पढ़कर नवसाक्षर कर्तव्य व अधिकार से परिचित होंगे। इसके लिए 64 किताबों की खेप आ चुकी है। केंद्रों तक पहुंचाने के लिए कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है।
ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाले 14 से अधिक उम्र के निरक्षरों को साक्षर किया जा रहा है। इसके लिए वर्ष 2014 में साक्षर भारत मिशन के तहत गांवों में लोक शिक्षा केंद्रों की स्थापना की गई थी। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक ढाई लाख लोगों को अक्षर ज्ञान कराया जा चुका है। अब इनकी जिंदगी को सामान्य व्यक्ति की तरह करने के लिए सरकार ने पुस्तकालय स्थापना की व्यवस्था की है। ताकि अक्षर ज्ञान प्राप्त कर चुके नवसाक्षर स्वाध्याय के माध्यम से अपने जीवन स्तर को आगे बढ़ा सकें। पुस्तकालय में कृषि, परिवार, कानून, प्रदूषण, रेल पास, फसल चक्र, स्वास्थ्य, संगीत सहित अन्य किताबें केंद्र पर मुहैया कराई जाएंगी।
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