पहली जुलाई को ही चलाएंगे सफाई अभियान1उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी आदेश का पालन माह के पहले शनिवार को करना है। संयोग से पहली जुलाई को ही कालेजों के शिक्षक व छात्र सफाई अभियान चलाने के बाद पढ़ाई का श्रीगणोश करेंगे। महाविद्यालयों को महज चंद दिनों में ही समिति का गठन भी करना होगा। हालांकि इस समय गर्मी की छुट्टियां चल रही हैं।
इलाहाबाद : प्रदेश के सभी राजकीय, अशासकीय और वित्त विहीन महाविद्यालयों में अब स्वच्छता की भी कक्षा चलेगी। इसमें शिक्षक छात्रों को सफाई करने के गुर नहीं सिखाएंगे, बल्कि दोनों मिलकर सफाई कार्य करेंगे, ताकि यह अभियान जनांदोलन की शक्ल ले सके। स्वच्छता की यह विशेष कक्षा हर दिन नहीं चलेगी, बल्कि हर माह के प्रथम शनिवार को शिक्षक-छात्र मध्य नगरीय क्षेत्रों में झाड़ लगाते दिखेंगे।
प्रदेश के उच्च शिक्षा निदेशक की ओर से संयुक्त शिक्षा निदेशक डा. उर्मिला सिंह ने यह आदेश सभी महाविद्यालयों के प्राचार्यो को भेज दिया है। इसमें कहा गया है कि राज्य के सभी महाविद्यालयों में सफाई कार्य को जन आंदोलन बनाने के लिए कालेजों में स्वच्छता समिति का गठन किया जाए, ताकि इसके माध्यम से आदर्श सफाई व्यवस्था और स्वच्छ वातावरण का सृजन किया जा सके।
पत्र में यह भी है कि आखिर महाविद्यालय के शिक्षक व छात्रों को इससे जोड़ने की जरूरत क्यों पड़ी हैं। संयुक्त निदेशक ने लिखा है कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2017 की रैंकिंग में उत्तर प्रदेश के सभी शहरों का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा है। इस स्थिति से निपटने के लिए संपूर्ण सफाई व्यवस्था का पुनर्गठन कर एक सुदृढ़ व्यवस्था बनाना जरूरी है। जन सामान्य को इस कार्य से जोड़ा जाए।
स्वच्छ भारत अभियान के तहत कालेजों के एनसीसी और एनएसएस के छात्रों के सहयोग से प्रत्येक माह के प्रथम शनिवार को सुबह सात से नौ बजे तक मध्य नगरीय क्षेत्रों में विशेष सफाई अभियान चलाया जाए। इसके साथ पॉलीथीन और प्लास्टिक के इस्तेमाल को रोकने के लिए का भी विशेष अभियान चलाया जाए।
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