इलाहाबाद : प्रदेश के अशासकीय माध्यमिक कालेजों में शिक्षकों की नियुक्ति में अब प्रबंधतंत्र की मनमानी नहीं चलेगी। प्रबंधतंत्र को शिक्षक या फिर प्रधानाचार्य का खाली पद प्रोन्नति या फिर सीधी भर्ती से भरने का निर्णय एक ही तारीख में करना होगा। इसमें प्रबंधक यह मनमानी नहीं कर सकेंगे कि माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र को वह अधियाचन न भेजे और बाद में अपनों की तैनाती कर लें।
यदि कोई पद प्रोन्नति से नहीं भरा जा सकता है तो उसी दिन खाली पद को सीधी भर्ती से नियुक्ति के लिए अधियाचन भेजना होगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि किसी भी दशा में शिक्षक या फिर प्रधानाचार्य का कोई पद खाली नहीं रहना चाहिए, क्योंकि इससे शिक्षण व्यवस्था प्रभावित होती है।
हाईकोर्ट ने कहा है कि प्रबंध समिति निर्धारित अवधि के भीतर योग्य अभ्यर्थियों का निर्धारण करेगी और सीधी भर्ती में आरक्षण नियमों का भी पालन किया जाएगा। चयन वर्ष के प्रथम दिवस को ही अर्हता निर्धारण मानक माना जाएगा। दोनों की अलग सूची नहीं होगी।
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