हाथरस हिन्दुस्तान संवादसरकारी धनराशि के गबन में तत्कालीन बीएसए व एओ फंस गए हैं। फर्जी बिल लगाकर तीन लाख आठ हजार 593 रुपये हड़पने के आरोप में हुई जांच प्रथम दृष्टया सही पाए जाने पर डीएम ने दोनों अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए शासन को संस्तुति भेजी है। इनके साथ ही दो टैक्सी संचालकों के खिलाफ एफआईआर कराने को बीएसए को निर्देश दिए हैं।जनवरी 2015 में जनपद भ्रमण के दौरान प्रमुख सचिव/नोडल अधिकारी से अजय कुमार शर्मा पूर्व जिला उपाध्यक्ष समाजवादी पार्टी ने तत्कालीन बीएसए पर तीन लाख, आठ हजार 593 रुपये की सरकारी धनराशि का गबन करने का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी। अपर जिलाधिकारी ने पूरे मामले की जांच की तो पाया कि शिकायतकर्ता ने जो तत्कालीन बीएसए पर आरोप लगाए हैं, वह प्रथम दृष्टया सही हैं। तत्कालीन बीएसए, सहायक लेखाधिकारी (दिलीप श्रीवास्तव) जांच में दोषी पाए गए। इसे लेकर डीएम अमित कुमार सिंह ने तत्कालीन बीएसए और एओ के खिलाफ विभागीय कार्रवाई किए जाने को प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा उत्तर प्रदेश शासन को अपनी संस्तुति भेजी है। इनके अलावा दो टैक्सी संचालक (विष्णु गुप्ता व विवेक कुमार) के खिलाफ थाना कोतवाली हाथरस में एफआईआर दर्ज कराने के लिए वर्तमान बीएसए को निर्देश दिए हैं।
फर्जी बिल लगाने के मामले में दो टैक्सी संचालकों के खिलाफ एफआईआर करने को डीएम से निर्देश प्राप्त हुए है। दोनों के खिलाफ सम्बन्धित थाने में रिपोर्ट कराई जाएगी।रेखा सुमन, बीएसए
फर्जी बिल लगाने के मामले में दो टैक्सी संचालकों के खिलाफ एफआईआर करने को डीएम से निर्देश प्राप्त हुए है। दोनों के खिलाफ सम्बन्धित थाने में रिपोर्ट कराई जाएगी।रेखा सुमन, बीएसए
संवाद सहयोगी, हाथरस : अवैध रूप से किराए की जीप लेकर फर्जी यात्रएं दर्शाकर बिलों के आधार पर भुगतान कराने के मामले में तत्कालीन बीएसए और सहायक लेखाधिकारी पर कार्रवाई तेज हो गई है। जिलाधिकारी ने दोनों अफसरों पर विभागीय कार्रवाई करने के लिए शासन को पत्र लिखा है। वहीं बीएसए को दो टैक्सी संचालकों के खिलाफ कोतवाली हाथरस गेट में रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। 1सपा नेता अजय शर्मा ने 06 जनवरी 2015 को तत्कालीन प्रमुख सचिव नियोजन डॉ. देवेश चतुर्वेदी से बेसिक शिक्षा विभाग के तत्कालीन बीएसए देवेन्द्र गुप्ता की एक शिकायत की थी। आरोप लगाया गया था कि सरकारी जीप होने के बावजूद शासन के आदेशों के विरुद्ध प्राइवेट जीप या कार को किराए पर लेकर फर्जी यात्रएं दर्शाकर 3,08,593 रुपये गबन किया गया है। इस प्रकरण की जांच तत्कालीन अपर जिलाधिकारी एएच कर्नी ने की थी। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि टैक्सी संचालक विष्णु कांत गुप्ता की ओर से बीएसए कार्यालय में एक ही नंबर के दो-दो बिल पृथक तिथियों में बनाकर प्रस्तुत किए गए हैं। 05 दिसंबर 2014 की यात्र का बिल बुक संख्या 91 के माध्यम से लगभग 11 माह पूर्व की 12 जनवरी 2014 में प्रस्तुत कर दिया। दूसरे टैक्सी चालक विवेक कुमार ने 26 अक्टूबर 2014 की यात्र का बिल 09 माह 25 दिन पूर्व ही 18 जनवरी 2014 को प्रस्तुत कर दिया था। तत्कालीन बीएसए व सहायक लेखाधिकारी के स्तर से उक्त दोनों बिलों का भुगतान भी एडवांस में 26 मार्च 2014 को कर दिया गया। दोनों टैक्सी संचालकों को पत्रचार के माध्यम से बुलाया गया था, लेकिन इसके बाद भी वांछित अभिलेख परीक्षण हेतु प्रस्तुत नहीं किए गए। इससे फर्जी टैक्सी संचालक प्रतीत होते हैं, जिनके पास न असली बिल बुक है और न ही दर्शायी गई गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र हैं। बीएसए के स्पष्टीकरण संतोष जनक नहीं हैं। अब एडीएम की रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी अमित कुमार सिंह ने तत्कालीन बीएसए देवेन्द्र गुप्ता और सहायक लेखाधिकारी दिलीप श्रीवास्तव के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के लिए संस्तुति कर प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा को रिपोर्ट भेज दी है। वही दोनों टैक्सी संचालकों के खिलाफ कोतवाली थाना हाथरस गेट में रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए बीएसए रेखा सुमन को निर्देश दिए हैं। 11दोनों टैक्सी संचालकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश जिलाधिकारी ने दिए हैं। जल्द ही संबंधित कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराकर रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेज दी जाएगी।1रेखा सुमन, बीएसए, हाथरस।’>>डीएम ने कार्रवाई करने के लिए लिखा अब शासन को पत्र 1’>>दो टैक्सी चालकों पर रिपोर्ट दर्ज कराने की होगी कार्रवाई
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