जागरण संवाददाता, चंदौली : शिक्षा मित्रों का सहायक अध्यापक पद से समायोजन रद होने का न्यायालय का आदेश आते ही वे सकते में आ गए हैं। न्यायालय के आदेश का अनुपालन होने पर जिले से 12 सौ शिक्षा मित्रों का समायोजन रद होगा। वहीं जिले में 206 शिक्षा मित्र ऐसे बचे रहे जिनका समायोजन सहायक अध्यापक पद पर नहीं हो सका था। इस आदेश पर अधिकारी भी चुप्पी साधे हुए हैं। कुरेदने पर भी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं।
पूर्व की प्रदेश सरकार ने जून 2015 में बेसिक शिक्षा में सुधार के लिए बड़ा कदम बताते हुए शिक्षा मित्रों को सहायक पद पर तैनात करने का निर्देश जारी किया था। इसके तहत शिक्षा मित्रों को बाकायदा डायट में बैच के हिसाब से ट्रेनिंग दी गई और जून 2015 में पहले 600 शिक्षा मित्रों को विभिन्न विद्यालयों में सहायक अध्यापक पद पर समायोजित किया गया। वहीं 2016 में भी 600 शिक्षा मित्र समायोजित किए गए। इस बीच शिक्षा मित्रों के खिलाफ उच्च न्यायालय का आदेश आ गया पर सर्वोच्च न्यायालय में मामला विचाराधीन होने के कारण शिक्षा मित्र लगातार कार्य करते रहे। वहीं 25 जुलाई के फैसले ने शिक्षा मित्रों की आशाओं पर पानी फेर दिया। फैसला आते ही काफी शिक्षा मित्र बीमार हो गए हालांकि संगठन की हुंकार से उनमें जान में जान आई है। इस निर्देश पर शिक्षा मित्रों ने प्रदेश सरकार पर भी दवाब बनाना शुरू कर दिया है। शिक्षा मित्रों का कहना है कि सरकार उनके साथ न्याय करे अन्यथा वे स्कूल ही नहीं जाएंगे।
200 का नहीं हुआ समायोजन
जिले के 1400 शिक्षा मित्रों में से 1200 शिक्षा मित्रों का समायोजन हो चुका है। वहीं 200 शिक्षा मित्रों का समायोजन तकनीकी कमियों के कारण नहीं हो सका था। ऐसे में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले ने उनकी भी आशाओं पर पानी फेर दिया है। उनकी भी शिक्षक बनने की आस खत्म हो गई है
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