महराजगंज : सीमावर्ती क्षेत्रों में सरकारी शिक्षा व्यवस्था का बहुत बुरा हाल है। पठन-पाठन की बात तो दूर, यहां विद्यालयों की हाल बद से बत्तर है। कहीं विद्यालयों के सामने झाड़-झंखाड़ उगे हैं, तो कहीं विद्यालय के सामने बरसात और नाली का पानी जमा है। इससे यह साफ साबित हो रहा है कि गुरु जी शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए कितने गंभीर हैं। हम बात कर रहे हैं भारत-नेपाल के सीमा पर से सटे गांव भगवानपुर के स्थित परिषदीय विद्यालयों की। विद्यालयों की बदहाली को देखकर यह कहा जा सकता है कि जिम्मेदार एकदम बेपरवाह हो गए हैं। इन्हें शासन-प्रशासन का कोई भय नहीं है। विद्यालय के प्रवेश द्वार पर बरसात एवं नालियों की पानी का जमा हुआ है। यह स्थिति बरसात के दिनों में नहीं बल्कि साल के बारह महीने गेट के सामने पानी जमा रहता है। पानी जमा होने से नौनिहालों को स्कूल आने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। हालांकि अध्यापकों का कहना है कि विभाग को समस्या से अवगत कराया गया, लेकिन कोई असर नहीं पड़ा। आलम यह है कि इस विद्यालय में न तो बच्चे ही आने की हिम्मत करते हैं और न ही अध्यापक। कभी-कभार अध्यापक कीचड़ व गंदे पानी से होकर स्कूल में आते हैं और अपना हाजिरी रजिस्टर में दर्ज कर चलते बनते हैं। ग्रामीण सादिक अली, गणोश लोहिया, मनीष, ध्रुप मद्धेशिया, शंकर, शाहिद अली, सलीम अंसारी आदि लोगों का कहना है कि विद्यालय के सामने हमेशा पानी जमा रहता है। शिकायत करने पर कोई जिम्मेदार मौके पर भी नहीं पहुंचते। जिला बेसिक शिक्षाधिकारी जगदीश शुक्ल ने कहा कि विद्यालय के सामने पानी जमा होने की जानकारी मिली है।
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