प्रदर्शन के दौरान कर्मचारी छत पर चढ़ गए।
शिक्षामित्रों के प्रदर्शन के कारण लगातार तीसरे दिन शहर के प्राथमिक और जूनियर स्कूलों में पढ़ाई बाधित रही। शहर के लगभग एक हजार स्कूलों में आधी कक्षाएं नहीं चलीं। शिक्षामित्रों के कक्षा बहिष्कार के कारण दो हजार से अधिक शिक्षक स्कूलों से कम हो गए हैं। ऐसे में 5700 नियमित शिक्षकों पर लगभग दो हजार स्कूलों का भार है। इसके अलावा कई स्कूलों में शिक्षक भी नहीं हैं।• एनबीटी, लखनऊ : राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उप्र के अध्यक्ष सुरेश रावत ने शुक्रवार को परिषद कार्यालय में बैठक कर सरकार से शिक्षामित्रों के समायोजन की मांग की। परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रदेश में लगभग दो लाख शिक्षामित्र बेरोजगार हो गए हैं। इन शिक्षामित्रों को विशिष्ट बीटीसी की ट्रेनिंग करवाई जा चुकी है। कार्यरत शिक्षामित्रों के लिए विशेष रूप से परीक्षा करवाई जाए और परीक्षा में पास होने तक उन्हें सेवा से न हटाया जाए। बैठक में शिक्षामित्रों के निधन पर शोक जताते हुए सरकार से पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता देने की मांग की गई। बैठक में सुनील यादव, डॉ. पीके सिंह, आशीष पांडेय, अशोक कुमार, कमल श्रीवास्तव, सुनील कुमार यादव, राजेश कुमार उपस्थित थे।
स्कूलों की पढ़ाई अब भी बाधित
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद का मिला साथ
समायोजन की मांग के लिए किया प्रदर्शन, बीएसए को सौंपा ज्ञापन
बेसिक शिक्षा भवन पर शिक्षामित्रों ने प्रदर्शन किया।• एनबीटी, लखनऊ: समायोजन की मांग कर रहे शिक्षामित्रों ने शुक्रवार को बीएसए कार्यालय की तालाबंदी कर दी। सुबह 11 बजे 200 से अधिक शिक्षामित्र बीएसए कार्यालय पहुंच गए और नारेबाजी शुरू कर दी। इसी बीच शिक्षामित्रों ने कार्यालय के गेट पर ताला लगा दिया और सभी कर्मचारी अंदर कैद हो गए। एडी बेसिक महेंद्र सिंह राणा को भी शिक्षामित्रों ने बाहर नहीं निकलने दिया। लगभग तीन घंटे तक गेट पर ताला बंद रहा। बीएसए दोपहर करीब दो बजे कार्यालय पहुंचे तो शिक्षामित्रों ने उन्हें ज्ञापन सौंपकर ताला खोला।
शिक्षामित्रों ने कहा कि उन्हें पहले की तरह सहायक शिक्षक के तौर पर नियुक्ति दी जाए। हालांकि, बीएसए ने कहा कि इस मुद्दे पर निर्णय शासन को लेना है। वह सभी शिक्षामित्रों की बात शासन तक पहुंचा देंगे। आगे की कार्रवाई उसी स्तर पर होनी है। उधर, तालाबंदी के कारण आरटीई के तहत एडमिशन की पूछताछ के लिए काफी संख्या में आए अभिभावक शिक्षा भवन में ही कैद रहे। इसके अलावा कार्यालय का काम भी प्रभावित हुआ।
आज से नेताओं का घेराव
असमायोजित शिक्षक उत्थान समिति के प्रदेश अध्यक्ष एसके द्विवेदी ने बताया कि जब तक सरकार कोई सार्थक निर्णय नहीं लेती, तब तक शिक्षामित्र प्रदर्शन जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि वर्षों से पढ़ा रहे शिक्षामित्र अचानक आयोग्य कैसे हो गए। अगर आयोग्य थे तो उन्हें पहले ही हटा देना चाहिए था। एसके द्विवेदी ने बताया कि संगठन आज से नेताओं का घेराव शुरू करेगा। शनिवार को किसी सांसद या विधायक के घर का घेराव किया जाएगा और यह सिलसिला जारी रहेगा। इसके बाद भी सरकार कोई सार्थक कदम नहीं उठाती है तो शिक्षामित्र सड़क पर उतरकर आंदोलन शुरू करेंगे।
शिक्षामित्रों के प्रदर्शन के कारण लगातार तीसरे दिन शहर के प्राथमिक और जूनियर स्कूलों में पढ़ाई बाधित रही। शहर के लगभग एक हजार स्कूलों में आधी कक्षाएं नहीं चलीं। शिक्षामित्रों के कक्षा बहिष्कार के कारण दो हजार से अधिक शिक्षक स्कूलों से कम हो गए हैं। ऐसे में 5700 नियमित शिक्षकों पर लगभग दो हजार स्कूलों का भार है। इसके अलावा कई स्कूलों में शिक्षक भी नहीं हैं।• एनबीटी, लखनऊ : राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उप्र के अध्यक्ष सुरेश रावत ने शुक्रवार को परिषद कार्यालय में बैठक कर सरकार से शिक्षामित्रों के समायोजन की मांग की। परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रदेश में लगभग दो लाख शिक्षामित्र बेरोजगार हो गए हैं। इन शिक्षामित्रों को विशिष्ट बीटीसी की ट्रेनिंग करवाई जा चुकी है। कार्यरत शिक्षामित्रों के लिए विशेष रूप से परीक्षा करवाई जाए और परीक्षा में पास होने तक उन्हें सेवा से न हटाया जाए। बैठक में शिक्षामित्रों के निधन पर शोक जताते हुए सरकार से पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता देने की मांग की गई। बैठक में सुनील यादव, डॉ. पीके सिंह, आशीष पांडेय, अशोक कुमार, कमल श्रीवास्तव, सुनील कुमार यादव, राजेश कुमार उपस्थित थे।
स्कूलों की पढ़ाई अब भी बाधित
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद का मिला साथ
समायोजन की मांग के लिए किया प्रदर्शन, बीएसए को सौंपा ज्ञापन
बेसिक शिक्षा भवन पर शिक्षामित्रों ने प्रदर्शन किया।• एनबीटी, लखनऊ: समायोजन की मांग कर रहे शिक्षामित्रों ने शुक्रवार को बीएसए कार्यालय की तालाबंदी कर दी। सुबह 11 बजे 200 से अधिक शिक्षामित्र बीएसए कार्यालय पहुंच गए और नारेबाजी शुरू कर दी। इसी बीच शिक्षामित्रों ने कार्यालय के गेट पर ताला लगा दिया और सभी कर्मचारी अंदर कैद हो गए। एडी बेसिक महेंद्र सिंह राणा को भी शिक्षामित्रों ने बाहर नहीं निकलने दिया। लगभग तीन घंटे तक गेट पर ताला बंद रहा। बीएसए दोपहर करीब दो बजे कार्यालय पहुंचे तो शिक्षामित्रों ने उन्हें ज्ञापन सौंपकर ताला खोला।
शिक्षामित्रों ने कहा कि उन्हें पहले की तरह सहायक शिक्षक के तौर पर नियुक्ति दी जाए। हालांकि, बीएसए ने कहा कि इस मुद्दे पर निर्णय शासन को लेना है। वह सभी शिक्षामित्रों की बात शासन तक पहुंचा देंगे। आगे की कार्रवाई उसी स्तर पर होनी है। उधर, तालाबंदी के कारण आरटीई के तहत एडमिशन की पूछताछ के लिए काफी संख्या में आए अभिभावक शिक्षा भवन में ही कैद रहे। इसके अलावा कार्यालय का काम भी प्रभावित हुआ।
आज से नेताओं का घेराव
असमायोजित शिक्षक उत्थान समिति के प्रदेश अध्यक्ष एसके द्विवेदी ने बताया कि जब तक सरकार कोई सार्थक निर्णय नहीं लेती, तब तक शिक्षामित्र प्रदर्शन जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि वर्षों से पढ़ा रहे शिक्षामित्र अचानक आयोग्य कैसे हो गए। अगर आयोग्य थे तो उन्हें पहले ही हटा देना चाहिए था। एसके द्विवेदी ने बताया कि संगठन आज से नेताओं का घेराव शुरू करेगा। शनिवार को किसी सांसद या विधायक के घर का घेराव किया जाएगा और यह सिलसिला जारी रहेगा। इसके बाद भी सरकार कोई सार्थक कदम नहीं उठाती है तो शिक्षामित्र सड़क पर उतरकर आंदोलन शुरू करेंगे।
No comments:
Write comments