महराजगंज : तीन से छह वर्ष के बच्चों को अब इस जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों पर गर्म भोजन नहीं मिल रहा है। इस से गरीब परिवारों के दो लाख बच्चों की सेहत बिगड़ रही है और वे कुपोष्रण के शिकार हो रहे हैं। बच्चों के गर्म भोजन में धनाभाव बड़ा रोड़ा बन कर उभरा है। प्रतिफल हाट कुक्ड फूड योजना फ्लाप हो गई है। मालूम हो कि तराई के इस जनपद समेत पूरे प्रदेश में 31 मार्च 16 को हाट कुक्ड फूड योजना लागू की गई थी। प्रदेश के तत्कालीन मुख्य सचिव आलोक रंजन ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को भेजे पत्र में निर्देश दिया था कि तीन से छह वर्ष के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों पर पठन-पाठन के बीच दोपहर 12 बजे से एक बजे के बीच गर्म भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित कराएं। सप्ताह में एक दिन बच्चों संग परिवार के लोगों को स्वस्थ रहने के लिए परामर्श की व्यवस्था कराएं। भोजन पकाने की जिम्मेदारी आंगनबाड़ी सहायिका को सौंपी जाए। भोजन के लिए प्राइमरी स्कूलों की रसोई का उपयोग किया जाए। तत्कालीन मुख्य सचिव के निर्देश पर डीएम ने सात माह से तीन वर्ष तक के अति कुपोषित व तीन से छह वर्ष के कुल 311789 बच्चों के लिए गर्म भोजन की व्यवस्था कराई। हाट कुक्ड फूड योजना सितंबर 16 तक चली पर अक्टूबर 16 में शासन के धन न भेजने के कारण बंद हो गई। सभी अधिकारी विधानसभा चुनाव की तैयारी में लग गए और शासन से हाट कुक्ड फूड के लिए धन की मांग नहीं की। चुनाव बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों ने एक माह तक कुछ नहीं किया। मई 17 में हाट कुक्ड फूड योजना के लिए शासन को पत्र लिखकर धन की मांग की गई। दो बार रिमाइंडर भी भेजा गया पर धन आवंटित नहीं हुआ। धनाभाव में गरीबों के तीन से छह वर्ष के दो लाख बच्चों को गर्म भोजन नहीं मिल रहा है। गंभीर बात यह है कि सहायिका से लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तक भोजन के अलावा अन्य जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं कर रहे हैं। बच्चों के साथ गर्भवती व धात्री महिलाओं को परामर्श नहीं दिया जा रहा है। एनीमिया से बचाव के भी उपाय बंद हैं। मेडिकल चेकप के कार्य में भी लापरवाही बरती जा रही है। जिले में जनवरी 16 में 311789 बच्चों को सूचीबद्ध किया गया था। इसमें से तीन से छह वर्ष के दो लाख बच्चों को दोपहर में आंगनबाड़ी केंद्रों पर गर्म भोजन दिया जाता था पर धनाभाव में अक्टूबर 16 से हाट कुक्ड फूड बंद हो गया। शासन से धन की मांग की गई है। धन मिलते ही आंगनबाड़ी केंद्रों पर हाट कुक्ड फूड की व्यवस्था करा दी जाएगी।
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