जागरण संवाददाता, चंदौली : न्यायालय के फैसले से आहत शिक्षामित्रों ने शुक्रवार को बीएसए कार्यालय का घेराव किया। इसके पूर्व कुछ स्थानों पर शिक्षामित्रों ने चल रहे स्कूलों को बंद करवाया वहीं कुछ स्थानों पर शिक्षकों ने के समर्थन में स्वयं ही विद्यालय बंद कर दिए। इस दौरान आयोजित सभा में शिक्षा मित्रों ने ऐलान किया कि जब तक उनकी सहायक अध्यापक पद पर बहाली नहीं हो जाती तब तक उनका जारी रहेगा। आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन व उ.प्र. प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के संयुक्त में शिक्षामित्र अपने-अपने विद्यालय बंद कराकर सुबह ही बीएसए कार्यालय पहुंच गए। कार्यालय के गेट पर बैठकर अपनी आवाज बुंलद की वहीं कार्यालय में कर्मचारियों को नहीं आने जाने दिया गया।
इस दौरान आयोजित सभा में मंडल अध्यक्ष विजय श्याम तिवारी ने कहा 1.72 लाख शिक्षामित्रों का समायोजन रद होने से उनके समक्ष रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। इस विषम स्थिति में राज्य और केंद्र सरकार तात्कालिक हल निकाले और उन्हें पुन: शिक्षक बनाया जाए। प्रदेश प्रवक्ता संतोष कुमार यादव ने कहा शिक्षामित्रों का भविष्य अब प्रदेश सरकार के हाथ में है। सरकार उनके साथ न्याय करे और उनकी सेवा बहाल करे। भूपेंद्र यादव ने कहा प्रदेश सरकार शिक्षा मित्रों समायोजन बरकरार रखते हुए भारत सरकार से नया कानून बनाने का अनुरोध करे। उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो प्रदेश के 1.72 लाख शिक्षामित्र लखनऊ में आमरण अनशन पर बैठेंगे। हेमंत मौर्य ने कहा गोरखपुर में शिक्षामित्रों पर लाठीचार्ज और कोर्ट के फैसले के बाद सीएम का एक शब्द न बोलना उनके कठोर हृदय को प्रर्दिशत करता है। संतोष सिंह ने कहा सीएम और पीएम शिक्षामित्रों से किए गए वादे भूल गए हैं।
शिक्षामित्रों ने गरीब बच्चों के भविष्य को उज्जवल करने का काम किया पर सरकार उनके भविष्य को अंधकारमय बना रही है। इस मौके पर श्यामसुंदर सिंह, मनोज तिवारी, चंद्रशेखर, उमेश दुबे, सफल कुमार सिंह, नंदिनी सिंह, सुरेंद्र श्रीवास्तव, अनिल जायसवाल, मधु राय, आभा सिंह, मधुबाला, अनिल, जेपी सिंह, राजन राय, जयप्रकाश पांडेय, आलोक, अजीत, पवन आदि मौजूद थे।बीएसए कार्यालय के बाहर घेराव किए शिक्षामित्रतिलौरी प्राथमिक विद्यालय पर तालाबंदी करते शिक्षामित्र चकिया
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