चंदौली ’ कार्यालय संवाददाता
सहायक अध्यापक पद पर समायोजन रद किए जाने से नाराज शिक्षामित्रों का बीएसए कार्यालय पर दूसरे दिन शनिवार को भी धरना जारी रहा। शासन-प्रशासन के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। कानून में संशोधन कर सहायक अध्यापक पद समायोजन को बहाल करने की मांग की गई। चेताया कि यदि मांग पर अमल नहीं किया गया, तो लखनऊ में आमरण अनशन करने को विवश होंगे। शिक्षामित्र सैकड़ों की संख्या में 10 बजे बीएसए कार्यालय पहुंचे। शिक्षामित्र कार्यालय के मेनगेट के सामने धरने पर बैठ गए। सभा के दौरान वक्ताओं ने कहा कि शिक्षामित्र 17 वर्षों से पूरी ईमानदारी के साथ शिक्षण कार्य करते रहे हैं। शुरूआत में शिक्षामित्रों को मात्र 3500 रुपये मानदेय दिया जाता था। लेकिन शिक्षामित्रों के कार्यप्रणाली पर कोई असर नहीं पड़ा। अब प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की संख्या पर्याप्त होने के बाद शिक्षामित्रों को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। शिक्षामित्रों के साथ अन्याय किया जा रहा है। शिक्षामित्र अंतिम दम तक अपने हक की लड़ाई लड़ेंगे। शिक्षामित्रों के आंदोलन से बीएसए कार्यालय में कामकाज प्रभावित रहा। शिक्षामित्रों के मुख्य गेट पर जमा होने से लोग कार्यालय में नहीं जा पा रहे थे। कार्यालय के पीछे के गेट से कर्मचारी आगाममन करते दिखे। वहीं बीएसए संतोष सिंह कार्यालय के अंदर कोतवाल अश्वनी कुमार चतुर्वेदी व अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ बैठे दिखे। शिक्षामित्रों ने धरना जारी रखने की घोषणा की है। धरने में भूपेंद्र यादव, मनोज तिवारी, बृजमोहन, संजय, उमेश दुबे, श्यामदुलारी, मनोरमा, सुमन, सुषमा, श्वेता, प्रीति सिंह, अंजनी, कविता, सफल सिंह, संतोष यादव, अनिल, जेपी सिंह, राजन राय, जयप्रकाश पांडेय, आलोक, अजीत, पवन, प्यारेलाल आदि शामिल रहे। धरना के दौरान जिला प्रशासन चौकन्ना दिखा। पूरे दिन बीएसए कार्यालय परिसर में जगह-जगह दर्जनों की संख्या में पुलिस व पीएसी के जवानों को तैनात रहे। कोतवाल अश्वनी चतुर्वेदी के साथ कई थानों की पुलिस कार्यालय परिसर के अंदर डटी रही। साथ ही मौके पर बज्र वाहन और फायर ब्रिगेड को भी तैनात किया गया।
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