लखनऊ (एसएनबी)। महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ के बैनर तले प्रदेश भर से आयी हजारों आंगनबाड़ी कार्यकतर्््िायों ने शनिवार को लक्ष्मण मेला मैदान में काम बंद कर धरना देकर जमकर नारेबाजी की। दोपहर बाद विशेष सचिव मुख्यमंत्री ने आंगनबाड़ी कार्यकतर्््िायों के प्रतिनिधि मण्डल को वार्ता के लिए बुलाया। वार्ता के दौरान कई मांगों पर आपसी सहमति बन जाने और 15 दिनों के भीतर मांगे पूरी कराये जाने के आश्वासन के बाद प्रदर्शन समाप्त कर दिया गया। धरना स्थल पर सभा को संबोधित करते हुए महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ के गिरीश कुमार पाण्डेय ने कहा कि मुख्यमंत्री, बाल विकास मंत्री तथा बाल विकास पुष्टाहार सचिवालय से उनकी मांगपत्रों को संज्ञान में नहीं लिया जा रहा है जिससे प्रदेश की पौने चार लाख आंगनबाड़ी कार्यकतर्््िायों में भारी आक्रोश है। श्री पाण्डेय ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के तीन सौ दिन पंजीरी बांटने का हवाला देकर जून माह के लिए भी पंजीरी का आदेश जारी करवा दिया है। जब कि सत्य तो यह है कि पंजीरी कोर्ट के आदेश सात फरवरी 2004 व 2016 के आर्डर में हाट कुक्ड़ योजना चलाने तथा ठेकारी व्यवस्था समाप्त कर ग्रामीणों के हाथों में देने को कहा गया है। पंजीरी लगातार बंटवाकर खुलेआम न्यायालय के आदेशों की अवमानना है। हाट कुक्ड़ मील छह राज्यों की रिपोर्ट से साबित है कि उक्त राज्यों में किसी भी व्यक्ति विशेष को मुनाफा कमाने के लिए उत्तर प्रदेश को छोड़कर कहीं व्यवस्था नहीं है। दोपहर बाद धरने पर बैठी आंगनवाड़ी कार्यकतर्््िायों के प्रतिनिधि मण्डल को मुख्यमंत्री के विशेष सचिव मासूम अली सरवर ने वार्ता के लिए बुलाया। वार्ता के दौरान संघ के अध्यक्ष श्री पाण्डेय ने आंगनबाड़ी कार्यकतर्््िायों की मांगों को विस्तृत ढंग से बताया। इस पर मुख्यमंत्री विशेष सचिव ने उनकी मांगों को 15 दिनों में पूरा कराने का आश्वासन दिया। इस आश्वासन के बाद आंगनबाड़ी कार्यकतर्््िायों ने धरना समाप्त कर दिया। इस अवसर पर संघ की महामंत्री नीलम पाण्डेय ने कहा कि तमाम बार वार्ता होने के बावजूद महिला कल्याण विभाग मौन बैठा है। धरने में रामदेवी वर्मा, नीतू सिंह समेत प्रदेशभर से आयीं तमाम महिला आंगनबाड़ी कार्यकतर्््िायां मौजूद थी।
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