⚫ कोचिग, कंप्यूटर सेंटर और योग संस्थान खोल बांटी जा रहीं डिग्रियां
⚫ डिग्री-डिप्लोमा देने के नाम पर वसूले जा रहे पांच से 25 हजार
लखनऊ: योगी सरकार ने किया सभी स्कूलों, अस्पतालों, गांव में योग शिक्षा अनिवार्य.. आने वाली योगा की वैकेंसी में मान्य और प्रमाणित डिप्लोमा.. यह खबर नहीं एक विज्ञापन का स्लोगन है। खबर यह है कि ऐसे ही स्लोगनों को वादों और दावों का रंग देकर बेरोजगारों से छल का सिलसिला चल निकला है। सिर्फ एक-दो जिले में नहीं प्रदेश भर में गली-मुहल्लों में पिछले कुछ दिनों में ऐसे तमाम इंस्टीट्यूट खुल गए हैं जो अलग-अलग संस्थानों से सबद्धता-मान्यता का दावा कर सर्टिफिकेट, डिप्लोमा से लेकर डिग्रियां तक बांट रहे हैं। कहा जा रहा है कि जल्द ही योग शिक्षकों की बंपर भर्तियां आने वाली हैं। तब इन प्रमाणपत्रों की जरूरत पड़ेगी। बैकडेट में पंजीकरण कर पांच से पचीस हजार तक में सर्टिफिकेट बांटे जा रहे हैं। बरगलाने के लिए उत्तराखंड में शीघ्र ही आठ सौ योग शिक्षकों की भर्ती संबंधी खबर व योग पाठ्यक्रम से जुड़ी अखबारों की कतरनों को वाट्सएप पर वायरल किया जा रहा है।
गोंडा शहर में कुछ कंप्यूटर सेंटरों पर योग की डिग्री दी जा रही है। बाराबंकी, बहराइच व हरदोई में कोचिंगों की तर्ज पर कुछ योग प्रशिक्षण केंद्र सिर्फ प्रमाणपत्र देने के लिए ही खोले गए हैं। इनकी योग कक्षाएं कहां चलती हैं, पता नहीं। लखीमपुर में पांच से 25 हजार रुपये तक वसूले जा रहे हैं। कई तो इस बात की गारंटी भी देते हैं कि उनका डिप्लोमा नौकरी में मान्य होगा जबकि न तो ऐसे वैकेंसी का अभी कोई अता-पता है न योग्यता निर्धारित की गई है। बलरामपुर में कुछ संस्थाएं नकदी लेकर प्रमाण पत्र बांट रही हैं। रायबरेली के डलमऊ में योग की कोचिंग खोली गई जिनमें योग शिक्षक के प्लेसमेंट की गारंटी ली जाती है।
पिछले एक महीने में सीतापुर के बीएसए दफ्तर में 15 से 20 बेरोजगार योग शिक्षक की भर्ती में अर्हताओं आदि की जानकारी लेने आ चुके हैं। बीएसए पन्नाराम इसकी पुष्टि करते हैं। हालांकि वे कहते हैं, योग शिक्षकों की भर्ती के बारे में अभी कोई आदेश नहीं है। लखीमपुर के बीएसए बुद्धप्रिय सिंह का कहना है कि उन तक इस बारे में कोई आदेश या निर्देश नहीं मिले हैं इसलिए लोग इसके फर्जीवाड़े में न फंसे।
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