जागरण संवाददाता, पडरौना, कुशीनगर: सर्वोच्च न्यायालय द्वारा शिक्षा मित्रों का समायोजन निरस्त किए जाने के विरोध में जिलाध्यक्ष अखिलेश चतुर्वेदी के नेतृत्व में बुधवार को सैकड़ों की संख्या में शिक्षा मित्र सीधे कलेक्ट्रेट पहुंचे। जिलाधिकारी कार्यालय के सामने फर्श पर बैठ गए और ज्ञापन देने की बात करने लगे। अपर जिलाधिकारी ने ज्ञापन लिया। ज्ञापन में शिक्षा मित्रों ने कहा है कि सरकार अपराधियों को जीवन देने के लिए कानून में संशोधन कर सकती है तो शिक्षा मित्रों को लेकर क्यों नहीं। आरटीई एक्ट में संशोधन किया जाए। तय हुआ कि हम अपनी लड़ाई को अंजाम तक लड़ेंगे। इसके बाद शिक्षा मित्रों का हुजूम कलेक्ट्रेट के सामने बुद्धा पार्क पहुंचा और यहां बैठक कर अपनी अगली रणनीति बनाई। बैठक में शामिल कुछ महिला शिक्षा मित्र तो अपना दर्द बयां करते हुए फफक कर रो पड़ीं। शिक्षा मित्रों के आक्रोश को देख प्रशासन ने सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था कर ली। स्वयं जिलाधिकारी आंद्रा वामसी जमे रहे तो एसपी यमुना प्रसाद भी पहुंचे। तीन थानों की पुलिस भी पहुंच गई तो पीएसी के जवान भी। हालांकि शिक्षा मित्रों ने कोई ¨हसक प्रदर्शन तक नहीं किया, लेकिन एहतियातन सतर्कता बरती गई। कप्तान ने बीएसए कार्यालय पर विशेष सुरक्षा की बात कही। सुबह 11 बजे पहुंचे शिक्षा मित्र तीन घंटे से अधिक समय तक यहां जमे रहे। उनकी भीड़ को लेकर परिसर में गहमा-गहमी रही। वहां मौजूद अन्य लोग भी इसको लेकर चर्चा करते सुने गए। आदर्श समायोजित शिक्षक, शिक्षामित्र एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष के साथ वरिष्ठ उपाध्यक्ष राम कुमार तिवारी, महामंत्री देवकान्त यादव, उपाध्यक्ष अनंत कुमार सिंह, सुनील कुमार यादव, मंजीत पाठक, एजाज अहमद, सेराजुल हक, अजीत राय, कमलेश कुशवाहा, रुदेंद्र दूबे, तेज प्रताप सिंह, डालिमा सिंह आदि शिक्षा मित्र मौजूद रहे।
तीन दर्जन से अधिक विद्यालयों पर लटके रहे ताले, पडरौना: शिक्षा मित्रों के कार्य बहिष्कार के चलते जिले के प्राथमिक विद्यालय नैका छपरा, नकहनी, देवरिया देहात, प्राथमिक विद्यालय चरगहा, गोबरहा, राजपुर खास, प्राथमिक विद्यालय सिरसिया, परसौनी सहित तीन दर्जन से अधिक विद्यालयों पर ताले लटकते रहे। जिले में दो चरणों में अब तक कुल 2482 शिक्षा मित्रों को समायोजित कर शिक्षक बनाए गए थे। ये जिले के 340 विद्यालयों में अपना योगदान दे रहे हैं। अनेक तो प्रधानाध्यापक के पद पर कार्य कर रहे थे। दो दर्जन से अधिक विद्यालय पूरी तरह से इनके ऊपर ही निर्भर हैं। ऐसे में आज के इनके कार्य बहिष्कार को देखते हुए शिक्षा व्यवस्था के लड़खड़ाने की आशंका जताई जा रही है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हेमंत राव ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन होगा। जो शासन का दिशा-निर्देश मिलेगा उस पर अमल किया जाएगा। कहा कि कहीं भी बच्चों के पठन-पाठन को प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा। आज को देखते हुए पूरी तैयारी कर ली गई है, खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
लटकते रहे ताले, निराश लौटे बच्चे, हाटा: सुप्रीम कोर्ट द्वारा शिक्षा मित्रों का समायोजन रद्द करने के फैसले के बाद बुधवार को तहसील क्षेत्र के दर्जनों परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में ताले लटकते नजर आए। शिक्षा मित्र से समायोजित होकर सहायक अध्यापक बने शिक्षकों ने फैसले के विरोध में शिक्षण कार्य का बहिष्कार किया। जिससे शिक्षा मित्रों के भरोसे चल रहे विद्यालय नहीं खुले। जिसके कारण विद्यालयों में पढ़ाई के इरादे से पहुंचे सैकड़ों बच्चों को निराश होकर घर वापस लौटना पड़ा। तहसील क्षेत्र के मोतीचक विकास खंड में 180, सुकरौली में 220 व हाटा विकास खंड में भी लगभग 200 शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक बने शिक्षक तैनात थे। कई विद्यालयों में समायोजित शिक्षकों को ही विद्यालय प्रभारी बना दिया गया था। जबकि दर्जनों की संख्या में प्राथमिक विद्यालयों पर समायोजित शिक्षक ही तैनात हैं। अपने संगठन के आह्वान पर सामुहिक रूप से समायोजित शिक्षकों ने बुधवार को न सिर्फ शिक्षण कार्य का बहिष्कार किया। वल्कि अपने तैनाती के विद्यालयों पर पहुंचे ही नहीं। विकास खंड मोतीचक के प्राथमिक विद्यालय नरायनपुर चरगंहां, गोबरहां, राजपुर खास, नकहनी, नैकाछपरा आदि विद्यालय जहां पूरी तरह बंद रहे। वहीं सुकरौली विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय रामपुर पोखरिया, मोहनपुर, पैकौली, बंचरा, मठसूरजगिरी आदि विद्यालयों पर शिक्षामित्र से सहायक बने अध्यापकों के नदारद रहने से शिक्षण कार्य बुरी तरह प्रभावित हुए।बुद्धा पार्क में बैठक कर रणनीति बनाते शिक्षामित्र’ जागरणकलेक्ट्रेट में धरना दे रहे समायोजित शिक्षको से वार्ता करते एडीएम कृष्णलाल तिवारीबैठक में रोतीं महिला शिक्षामित्र’
जागरणकसया, कुशीनगर: उच्चतम न्यायालय द्वारा शिक्षामित्रों का समायोजन रद होने से एक शिक्षामित्र इस कदर बीमार पड़ी कि उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। चिकित्सकों के अनुसार लूसी नाम की शिक्षामित्र को गहरा सदमा लगा है। कसया विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय पोखरभिंडा पर तैनात शिक्षामित्र लूसी शर्मा को रात को समायोजन निरस्त होने की जानकारी हुई। सुबह अखबार में पूरी खबर पढ़ने के बाद शिक्षामित्र गुमसुम हो गईं। उन्होंने खाना पीना और किसी से बात करना बंद कर दिया। परिजनों के पूछने पर भी वह कुछ बोल नहीं रही थीं। परिजनों को लगा कि कुछ देर में स्थिति ठीक हो जाएगी, पर लूसी को अवसाद में देख परिजन घबरा गए और उसे सपहा गांव स्थित घर से सीएचसी ले गए, वहां भर्ती कर इलाज शुरू किया गया। प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. अरुण कुमार पांडेय के अनुसार लूसी को सदमा पहुंचा है, पर घबराने वाली कोई बात नहीं है।अस्पताल में भर्ती शिक्षामित्र लूसी शर्मासुरक्षा में मुस्तैद पुलिस व पीएसी के जवान ’ जागरणबंद पड़ा नरायनपुर-चरगहां विद्यालय ’ जागरणबंद पड़ा विद्यालय ’ जागरण
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