परिषदीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक पद पर समायोजन रद हो जाने के बाद जिले के लगभग 31 सौ शिक्षामित्र सड़क पर आ गए थे। 26 जुलाई से ही आंदोलन चल रहा था। फिलहाल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आश्वासन पर शिक्षामित्रों ने आंदोलन स्थगित कर दिया है। बुधवार को वे पढ़ाने पहुंचे। स्कूलों में चहल- पहल बढ़ गई थी। शिक्षामित्रों के आंदोलन के बाद से ही जनपद के लगभग तीन दर्जन विद्यालयों में ताले लटक गए थे। इन विद्यालयों में सिर्फ शिक्षामित्र ही तैनात थे। यही नहीं 150 विद्यालयों की भी पढ़ाई प्रभावित हो गई थी। मध्याह्न् भोजन योजना पर भी संकट गहरा गया था। शिक्षामित्रों के आंदोलन पर जाने के बाद से सिर्फ एक अध्यापक ही बच गए थे। किसी तरह शिक्षण कार्य चल रहा था। आंदोलन स्थगित होने के बाद शिक्षामित्र समायोजित विद्यालय में ही पहुंचे और बच्चों को पढ़ाया। शासन ने भी विद्यालयों में शिक्षा का माहौल बनाने के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है।
उत्तर प्रदेश शिक्षामित्र संघ का कहना है कि अगर सरकार का फैसला उनके पक्ष में नहीं आया तो वे फिर से 17 अगस्त से आंदोलन शुरू कर देंगे। 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद से ही प्रदेश भर के शिक्षामित्र धरना- प्रदर्शन कर रहे थे। उनका आंदोलन ¨हसक भी हो गया था। सरकार के आश्वासन के बाद उन्होंने आंदोलन स्थगित कर दिया है। सरकार से पुनर्विचार याचिका दाखिल करने और समायोजन बहाल करने की गुहार लगा रहे हैं।
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