जागरण संवाददाता, आगरा: अंबेडकर विवि में सत्र-2004 के बीएड घोटाले में चार हजार छात्रों की मार्कशीट निरस्त होंगी। हाईकोर्ट के आदेश पर जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआइटी) ने इन्हें निरस्त करने की संस्तुति विवि प्रशासन से कर दी है। 1एसआइटी ने बीएड सत्र 2004 घोटाले में चार्ट तैयार करने वाले एजेंसी से डाटा जुटाया था। इसके अनुसार 8132 छात्रों ने परीक्षा दी थी, परंतु चार हजार छात्र ज्यादा पास हो गए। विवि अधिकारियों और कर्मचारियों ने बीएड के चार्ट में 11132 छात्रों के अंक दर्ज कर दिए। इन्हें मार्कशीट भी जारी कर दी गईं, ये छात्र 82 कॉलेजों में बढ़ाए हुए दर्शाए गए। सूत्रों के अनुसार छह महीने पहले एसआइटी ने अपनी जांच पूरी करने के बाद विवि प्रशासन से बीएड के चार्टो का डीनोटिफिकेशन करते हुए फर्जी बीएड छात्रों की सूची सार्वजनिक करने के लिए कहा था। मगर, विवि प्रशासन इस सूची को दबा गया। ऐसे में एसआइटी ने अबकी विवि प्रशासन को स्पष्ट रूप से संस्तुति की है कि चार हजार मार्कशीट को निरस्त कर दिया जाए। इनमें से एक हजार मार्कशीट में नंबर बढ़ाए गए हैं। विवि प्रशासन के अधिकारी अभी ऐसे किसी पत्र की जानकारी न होने की बात कह रहे हैं। उधर इस रिपोर्ट के बाद अबकी विवि प्रशासन कार्रवाई नहीं करता है, तो विवि के लिए हाईकोर्ट में मुश्किल भरा हो सकता है।जागरण संवाददाता, आगरा: अंबेडकर विवि में सत्र-2004 के बीएड घोटाले में चार हजार छात्रों की मार्कशीट निरस्त होंगी। हाईकोर्ट के आदेश पर जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआइटी) ने इन्हें निरस्त करने की संस्तुति विवि प्रशासन से कर दी है। 1एसआइटी ने बीएड सत्र 2004 घोटाले में चार्ट तैयार करने वाले एजेंसी से डाटा जुटाया था। इसके अनुसार 8132 छात्रों ने परीक्षा दी थी, परंतु चार हजार छात्र ज्यादा पास हो गए। विवि अधिकारियों और कर्मचारियों ने बीएड के चार्ट में 11132 छात्रों के अंक दर्ज कर दिए। इन्हें मार्कशीट भी जारी कर दी गईं, ये छात्र 82 कॉलेजों में बढ़ाए हुए दर्शाए गए। सूत्रों के अनुसार छह महीने पहले एसआइटी ने अपनी जांच पूरी करने के बाद विवि प्रशासन से बीएड के चार्टो का डीनोटिफिकेशन करते हुए फर्जी बीएड छात्रों की सूची सार्वजनिक करने के लिए कहा था। मगर, विवि प्रशासन इस सूची को दबा गया। ऐसे में एसआइटी ने अबकी विवि प्रशासन को स्पष्ट रूप से संस्तुति की है कि चार हजार मार्कशीट को निरस्त कर दिया जाए। इनमें से एक हजार मार्कशीट में नंबर बढ़ाए गए हैं। विवि प्रशासन के अधिकारी अभी ऐसे किसी पत्र की जानकारी न होने की बात कह रहे हैं। उधर इस रिपोर्ट के बाद अबकी विवि प्रशासन कार्रवाई नहीं करता है, तो विवि के लिए हाईकोर्ट में मुश्किल भरा हो सकता है।फर्जी मार्कशीट से नौकरी करने वालों पर कसा शिकंजा1सूत्रों के मुताबिक, एसआइटी विवि प्रशासन से फर्जी मार्कशीट निरस्त कराने के बाद इनके सहारे नौकरी करने वालों पर शिकंजा कसना चाहती है, लेकिन विवि प्रशासन फंसने के डर से बच रहा है। मार्कशीट निरस्त करने पर विवि के अधिकारी और कर्मचारी भी फंस जाएंगे, क्योंकि इनके बिना विवि की चार्ट में गडबड़ी नहीं हो सकती।पूर्व कुलपति भी शामिल1हाईकोर्ट के आदेश पर जांच कर रही एसआइटी ने पूर्व कुलपति एएस कुकला सहित 25 अधिकारियों और कर्मचारियों को गड़बड़ी के लिए दोषी चिन्हित किया था। इनमें से तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार भी किया गया था, जिन्हें बाद में जमानत मिल गई।
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