■ एनसीईआरटी से 70 प्रतिशत सेलेबस ही लेगा यूपी बोर्ड,
■ बदले में पांच प्रतिशत रॉयल्टी लेगी एनसीईआरटी
■ यूपी में अप्रैल-2018 से लागू होना है नया पाठ्यक्रम
■ 30 प्रतिशत अपने महत्वपूर्ण अंश को बरकरार रखेगा माध्यमिक शिक्षा परिषद
इलाहाबाद। एनसीईआरटी किताबों के मूल्य पर पांच प्रतिशत रॉयल्टी लेगा। यूपी बोर्ड ने पत्र लिखकर इस संबंध में जानकारी चाही थी। जिसके जवाब में एनसीईआरटी ने अपने जवाब में पांच प्रतिशत रॉयल्टी लेने की बात कही है। एनसीईआरटी की किताबों को लागू किए जाने के उद्देश्य से बोर्ड स्तर पर किताबों की समीक्षा कर ली है। जिसे 15 सितंबर तक एनसीईआरटी को भेजेंगे। नीना श्रीवास्तव, सचिव यूपी बोर्ड
इलाहाबाद : अप्रैल 2018 से राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) का सेलेबस उत्तर प्रदेश के तकरीबन 26 हजार स्कूलों में लागू करने जा रहा यूपी बोर्ड अपने पाठ्यक्रम के महत्वपूर्ण अंश को बरकरार रखेगा। बोर्ड ने कक्षा 9 से 12 तक के अपने पाठ्यक्रम की समीक्षा पूरी कर ली है और 15 सितंबर तक एनसीईआरटी से मूल्यांकन के लिए भेजना है।
सूत्रों के अनुसार बोर्ड 70 प्रतिशत सेलेबस ही एनसीईआरटी का लेगा। लगभग 30 प्रतिशत यूपी बोर्ड का महत्वपूर्ण अंश होगा। जैसे यूपी बोर्ड ने 2012 में काउंसिल ऑफ बोर्डस ऑफ स्कूल एजुकेशन इन इंडिया (कोब्से) से अनुमोदित इंटर भौतिक, रसायन, जीव विज्ञान और गणित का सेलेबस लागू किया था। यही सेलेबस सीबीएसई व अन्य बोर्ड में भी लागू है इसलिए में इसमें बहुत अधिक बदलाव की जरूरत नहीं पड़ेगी। अंग्रेजी और संस्कृत व्याकरण भी बोर्ड बरकरार रखना चाह रहा है। समीक्षा करने वाले दोनों विषयों के विशेषज्ञों का मानना है कि यूपी बोर्ड का सेलेबस अधिक बेहतर है जबकि सीबीएसई स्कूलों में चल रहे एनसीईआरटी के सेलेबस में व्याकरण इतने व्यापक स्तर पर नहीं पढ़ाया जाता।
दिसंबर तक हो जाएगा किताबों का प्रकाशन : एनसीईआरटी के विषय विशेषज्ञ 31 अक्तूबर तक यूपी बोर्ड से भेजे गए पाठ्यक्रम की समीक्षा करेंगे जिसके बाद 31 दिसंबर तक किताबों का प्रकाशन होगा। एक अप्रैल 2018 से किताबें प्रचलन में आएंगे। पहले 2018-19 सत्र में कक्षा 9 व 11 और 2019-20 सत्र से कक्षा 10 व 12 में भी इन किताबों से पढ़ाई शुरू होगी।
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