जासं, लखनऊ : राजधानी के प्राइमरी स्कूल व पूर्व माध्यमिक स्कूलों में पढ़ाने वाले वह शिक्षक जो अपनी वरिष्ठता छोड़कर घर के पास के विद्यालय में नौकरी करना चाह रहे थे उन्हें दोहरा झटका है। कुछ शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्र से नगर क्षेत्र में स्थानांतरित किया गया तो वह घर से और दूर हो गए। यही नहीं इन्हें जो स्थानांतरित करने के बाद इन्हें अस्थाई तौर पर नियुक्त किया गया। ऐसे में तमाम शिक्षक परेशान हैं कि आखिर वह क्या करें? मूल विद्यालय उनका पुराना विद्यालय होगा या फिर नया। फिलहाल शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शिक्षकों का कोई भी नुकसान नहीं होगा। 1वर्ष 2004 बैच के विशिष्ट बीटीसी के तहत चयनित शिक्षकों ने पहले वर्ष 2006 में अंतरजनपदीय तबादले में राजधानी आने के लिए अपनी वरिष्ठता छोड़ी और कनिष्ठ बन गए। इसके बाद राजधानी में उन्हें ग्रामीण क्षेत्र से शहरी क्षेत्र में लाने के लिए वर्ष 2011 में फिर सबसे कनिष्ठ बनाया गया क्योंकि वह घर के पास आना चाहते थे। मगर यहां कई शिक्षकों जिसमें उदाहरण के तौर पर आरती को गोसाईंगंज के सिठौलीखुर्द से स्कूटर इंडिया के प्राइमरी स्कूल में, विमलेश गुप्ता को प्राथमिक स्कूल लौलाई से सआदत गंज के प्राइमरी स्कूल, सूर्य प्रकाश को बाघामऊ से अलीनगर सुनहरा के प्राइमरी स्कूल और लीलाधर को चिनहट के बौरूमऊ से अलीनगर सुनहरा के प्राइमरी स्कूल भेज दिया गया। इसी तरह अन्य शिक्षकों के भी तबादले हुए। अब इन्हें अस्थाई तौर पर नियुक्त करने का कागज थमाया गया है और इसे लेकर यह परेशान हैं। क्योंकि अस्थाई रूप से नियुक्त होने पर इन्हें अटैच माना जाएगा और वेतन पुराने विद्यालय से ही मिलेगा। इधर, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) प्रवीण मणि त्रिपाठी का का कहना है कि शिक्षकों को किसी भी तरह का नुकसान नहीं होगा। उन्हें नगर क्षेत्र के जिस स्कूल में स्थानांतरित किया गया था, वह वहीं कार्य करेंगे।’>> अंतरजनपदीय तबादले के तहत शहर आए प्राइमरी स्कूल के शिक्षक परेशान 1’>> ग्रामीण से नगर क्षेत्र आए तो बढ़ गई दूरी, बीएसए बोले नुकसान नहीं होगा
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