जागरण संवाददाता, बरेली : आपके बच्चों को पढ़ाने वाले हेडमास्टर, अध्यापक, इलाज करने वाले डॉक्टर, व्यापारी नेता अब पुलिस के सूचना तंत्र का अहम हिस्सा होंगे। लोगों के बीच में अपना नेटवर्क मजबूत बनाने के लिए पुलिस ऐसे प्रतिष्ठित व्यक्तियों को ढूंढ रही है। इन्हें थाने के संभ्रांत रजिस्टर में स्थान दिया जाएगा। खास बात इसमें क्षेत्रीय सभासद, गांव के प्रधान से लेकर सांसद, विधायक, महापौर तक भी शामिल किए जाएंगे।1मोबाइल नंबर से लेकर ई-मेल तक का डाटाबेस1सूत्रों के मुताबिक पुलिस तंत्र ऐसे संभ्रांत व्यक्तियों का डाटा बेस बना रहा है, जिनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला या विवाद न जुड़ा हो। इन लोगों के नाम, पते और फोन नंबर के साथ ही ई-मेल भी सहेजा जाएगा, ताकि क्षेत्र में कानून-व्यवस्था में गड़बड़ी होने, बवाल या शांति व्यवस्था भंग होने पर इनके माध्यम से आमजन का आक्रोश शांत कराया जा सके।1इन्हें जोड़ा जाएगा सूची में1’जिनके खिलाफ संबंधित थाने या अन्य थाने में आपराधिक मामला न हो ’आम शोहरत अच्छी हो ’देहात क्षेत्र में ग्राम प्रधान, ठीक पूर्व के ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य ’नगर निगम, पालिका क्षेत्र में सभासद आदि ’सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी या सामाजिक कार्य में सक्रिय रिटायर कर्मचारी ’क्षेत्रीय व्यापार मंडल के पदाधिकारी, सदस्य ’स्कूल व कॉलेज के प्रधानाचार्य, हेडमास्टर ’समाज सेवा से जुड़े डॉक्टर, अस्पताल संचालक ’लायंस, रोटरी क्लब या रेड क्रॉस संगठन के पदाधिकारी, सदस्य ’जिला पंचायत अध्यक्ष, महापौर, नगर पालिका अध्यक्ष, ब्लॉक प्रमुख ’ क्षेत्रीय विधायक या पूर्व विधायक, सांसद या पूर्व सासंद जो संबंधित थाना क्षेत्र में निवास कर रहे होंपहले एलआइयू करेगी गोपनीय सत्यापन1थानों की सूची में हेडमास्टर, व्यापारी नेता, किसी वर्तमान या पूर्व माननीय को यूं ही नहीं शामिल किया जाएगा। इसके लिए थानों की तरफ से सुझाए गए व्यक्तियों स्थानीय अभिसूचना तंत्र के जरिए गोपनीय तौर सत्यापन होगा। एलआइयू की मुहर लगने और एसएसपी की संस्तुति के बाद थानों के संभ्रांत रजिस्टर में स्थान दिया जाएगा।
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