लखनऊ : सरकारी स्कूलों में शिक्षा के गिरते स्तर पर उप-मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने चिंता जताई है। उनका कहना है कि पहले सरकारी स्कूलों में शिक्षा का ऊंचा स्तर देखकर गर्व होता था, हालांकि अब शर्म आती है। हमें सरकारी स्कूलों के स्तर को इस कदर बढ़ाना होगा कि अभिभावक अपने बच्चों को प्राइवेट की बजाय सरकारी स्कूलों में शिक्षा हासिल करने भेजें।
एनबीटी और उम्मीद संस्था की ओर से एक निजी होटल में आयोजित ‘आओ पढ़ें, आओ बढ़ें’ कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि रहे डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि महापौर रहते हुए राजधानी के नगर निगम के स्कूलों के शिक्षा के स्तर को उन्होंने उच्च श्रेणी तक पहुंचाने में बड़ी कामयाबी मिली। इसी तर्ज पर वह राज्य में सरकारी शिक्षा तंत्र को बेहतर कर गुणवत्तापरक शिक्षा बच्चों तक पहुंचाने का प्लान तैयार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज सरकारी स्कूलों में दो जोड़ी ड्रेस देने के साथ ही जूते, बस्ता, फीस और मिड-डे-मील देने का काम कर रहे हैं।
विशेष सचिव पीडब्ल्यूडी राजशेखर ने कहा कि स्लम इलाकों से आने वाले बच्चों के लिए काम करने पर बेहद सुकून मिलता है। एनबीटी और उम्मीद संस्था ने राजधानी में शिक्षा, शराब के खिलाफ मुहिम और ट्रैफिक जैसे अनेक मुद्दों को बड़ी शिद्दत से उजागर किया, जो लखनऊ के लिए बड़ी बात है।
इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि हर धर्म में सबसे बड़ी इबादत गरीब, बेसहारा और लाचार लोगों की मदद करने को बताया है। यही नहीं, शिक्षा हासिल करने के लिए हर धर्म में बड़ी सख्ती से ताकीद की गई है। इस्लामी कानून के हिसाब से दौलतमंद को अपनी इनकम का सालाना ढाई फीसदी हिस्सा गरीबों की शिक्षा पर निकालने का हुक्म है। अगर सभी मुस्लिम दौलतमंद इस्लाम के इस निर्देश का पालन कर लें तो बड़ी संख्या में समाज से जाहिलियत दूर हो जाएगी। इस मौके पर एनबीटी के स्थानीय संपादक सुधीर मिश्र, उम्मीद संस्था के संस्थापक बलबीर सिंह मान ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में अरविंदर सिंह और आराधना सिंह भी मौजूद रहे।
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