शहरों के स्कूलों को भी सरकार अब स्मार्ट बनाएगी। छात्रों को नवाचार (इनोवेशन) से जुड़ी सारी सुविधाएं मिलेंगी। इसकी मदद से वह अपने सपनों को आसानी से साकार कर सकेंगे। इसके तहत स्कूलों में अत्याधुनिक प्रयोगशाला (लैब) स्थापित की जाएगी, जहां रोबोट से लेकर थ्रीडी प्रिंटर, सेंसर, इलेक्ट्रानिक्स उपकरण सहित प्रयोगों में इस्तेमाल होने वाले सभी तरह के उपकरण मौजूद होंगे। फिलहाल इसके पहले चरण में स्मार्ट शहरों के सभी केंद्रीय और नवोदय विद्यालयों को लैस किया जाएगा।
स्कूलों को टिंकरिंग लैब से लैस करने की नीति के तहत स्मार्ट शहरों में स्थापित सभी स्कूलों में इस लैब को स्थापित करने में मदद करेगा। इसके लिए मंत्रलय ने पहले चरण में करीब 50 केंद्रीय विद्यालयों और करीब 15 नवोदय विद्यालयों की सूची भी आयोग को दे दी है। मंत्रलय ने आयोग के प्रस्ताव को मानते हुए इसकी शुरुआत स्मार्ट शहरों से करने का सुझाव दिया। इस पर आयोग भी राजी हो गया। बताया जा रहा है कि इसको लेकर नीति आयोग और मानव संसाधन विकास मंत्रलय के बीच जल्द ही एक एमओयू भी साइन होगा। इसमें इन सारे विषयों को शामिल किया जाएगा। खास बात यह है कि नीति आयोग इस योजना पर पहले से ही काम कर रहा है। इसके तहत वह देश के करीब एक सैकड़ा से ज्यादा स्कूलों में लैब स्थापित भी कर चुका है। आयोग भी इन स्कूलों से अपनी तरफ से 10 लाख की मदद दे रहा है। लेकिन आयोग की योजना के तहत वर्ष 2017 के अंत तक उसे देश के करीब दो हजार स्कूलों को इस तरह की लैब से लैस करना है। जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली : स्मार्ट श
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