लिखित परीक्षा के माध्यम से होगी बेसिक शिक्षकों की भर्ती, 60 नंबर लिखित और 40 एकेडेमिक के होंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में लखनऊ के लोकभावन में मंगलवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में शिक्षामित्रों से जुड़े मसले पर अहम फैसला लिया गया. इसके तहत अब प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक बनने के लिए टीईटी के साथ-साथ लिखित परीक्षा भी पास करनी होगी.
इस फैसले के मतलब यह है कि अब तक टीईटी पास अभ्यर्थियों की डायरेक्ट भर्ती हो रही थी, लेकिन अब उन्हें लिखित परीक्षा से भी होकर गुजरना होगा. मेरिट बनाते समय इस लिखित परीक्षा के अंक को भी जोड़ा जाएगा.
कैबिनेट मीटिंग के बाद सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा कि कैबिनेट में शिक्षामित्रों से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. उन्होंने कहा कि प्राइमरी स्कूल में सहायक अध्यापक बनने के लिए अब परीक्षा देनी होगी. यह परीक्षा टीईटी क्वालीफाई करने के बाद देनी होगी. शिक्षक भर्ती की मेरिट में लिखित परीक्षा के भी अंक जोड़े जाएंगे.
श्रीकांत शर्मा ने कहा कि अब यूपी में लिखित परीक्षा के माध्यम से बेसिक शिक्षकों की भर्ती होगी. इसके लिए 60 नंबर लिखित और 40 एकेडमिक होंगे. इस परीक्षा में सिर्फ TET पास अभ्यर्थी ही बैठ सकेंगे. श्रीकांत शर्मा ने कहा कि शिक्षामित्रों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का सरकार अनुपालन करेगी.
इसके अलावा शिक्षामित्रों को भर्ती में भारांक का लाभ देने संबंधी प्रस्ताव को भी कैबिनेट की मंजूरी मिल गई. शिक्षक भर्ती में स्थायी नियुक्ति में शिक्षामित्रों को वेटेज के रूप भारांक मिलेगा. शिक्षामित्रों को अधिकतम 10 साल के लिए 25 नंबर मिल सकेंगे. शिक्षामित्रों को प्रति वर्ष के अनुभव के आधार पर ढाई नंबर मिलेंगे.
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