उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के अंतर्गत संचालित विद्यालयों में संचालित अंतर्जनपदीय स्थानांतरण नीति में संशोधन किया गया है। जिसमें दिव्यांगों के लिए विशेष छूट दी गई है। पांच वर्ष के अनुभव का नियम उनपर लागू नहीं किया जाएगा। सेना के जवानों की आश्रितों पत्नियों के लिए भी इस नियम में रियायत दी गई है। शासन की संयुक्त सचिव ममता श्रीवास्तव की ओर से जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया गया है।
परिषदीय विद्यालयों में अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के लिए शिक्षक-शिक्षिकाओं ने आवेदन किया है। जिसके अंतर्गत उनसे संबंधित पूरा डाटा विभाग की ओर से जारी वेबसाइट पर फीड किया गया है। स्थानांतरण के लिए उस विद्यालय में पांच वर्ष का अनुभव होना आवश्यक है। जिसकी वजह से आवेदन करने वाले दिव्यांग शिक्षक-शिक्षिकाएं परेशान थे। शासन ने संज्ञान लिया और छूट दी है। जिसके अंतर्गत न्यूनतम संतोषजनक सेवा की समय सीमा पांच वर्ष उनपर लागू नहीं होगी। मुख्य चिकित्साधिकारी का प्रमाण पत्र जमा करने पर ही उन्हें इसका लाभ दिया जाएगा। केंद्रीय अर्ध सैनिक बल, बीएसएफ, सीआरपीएफ, आइटीबीपी, सीआइएसएफ, एसएसबी, एनडीआरएफ, थल सेना, वायु सेना, जल सेना के जवानों की पत्नियों के स्थानांतरण के लिए भी समय सीमा लागू नहीं की जाएगी। जवानों के नियंत्रक अधिकारी से उनके सेना में कार्यरत होने का प्रमाण पत्र देना होगा। जिले में रिक्तियां होने पर ही संशोधन का लाभ दिया जाएगा। बीएसए प्रेमचंद यादव ने बताया कि अंतर्जनपदीय स्थानांतरण से संबंधित निर्देश प्राप्त हो गया है। जिसका अनुपालन में दोनों ही वर्ग के शिक्षक-शिक्षिकाओं को समय सीमा से बाहर रखा जाएगा।’
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को किया गया निर्देशित
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