सम्भल : ....वाह रे बेसिक शिक्षा विभाग....बीत गया सितम्बर, नहीं कराई सत्र परीक्षा
सितंबर और फरवरी में होनी चाहिए सत्र परीक्षा, शासन के आदेश के बाद भी नहीं कराई परीक्षा, बेसिक शिक्षा पर शासन का नहीं चला कोई आदेश
लापरवाही
परीक्षा न होने पर प्रभारी मंत्री बलदेव सिंह औलख भी हो गए अवाक, डीएम ने कहा गंभीर विषय
जागरण संवाददाता सम्भल: भले ही पूरे प्रदेश में शासन के आदेशानुसार कार्य होता हो लेकिन सम्भल का बेसिक शिक्षा विभाग शासन के आदेश को नहीं मानता। शासन के आदेश के बाद भी विभाग ने सत्र परीक्षा नहीं कराई। जबकि शासन ने अगस्त व सितंबर माह में सत्र परीक्षा कराने के निर्देश दिए थे। पूरे प्रदेश हर जनपद में सत्र परीक्षा हो चुकी है। ऐसे में सम्भल में बच्चों के जीवन के साथ खुलेआम खिलवाड़ किया जा रहा है। बीएसए जहां परीक्षाएं करा दिए जाने की बात कह रहे हैं वहीं शिक्षकों ने परीक्षा न होने की बात कही है। जबकि इस प्रकरण को डीएम आनंद कुमार सिंह ने गंभीरता से लिया है। बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में किस तरह पढ़ाई होती है। यह किसी से छुपा नहीं है। स्कूलों की हालत तो पहले ही इतनी खराब हैं कि पढ़ाई के नाम पर बस दिखावा किया जाता है। ऐसे में अब बीएसए ने बेसिक शिक्षा विभाग पर की एक और करारी चोट दी है। इस बार तो के सभी हदें पार करते हुए शासन के आदेश को मानने से इन्कार कर दिया। शासन ने सभी जनपदों के बीएसए को पत्र भेजकर अगस्त व सितंबर माह में सत्र परीक्षा कराने के निर्देश दिए थे। लेकिन बीएसए डॉ. सत्यनारायण ने शासन के आदेश पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। इसका नतीजा यह हुआ कि इस बार जिले में किसी भी विद्यालय में सत्र परीक्षा नहीं हुई। बच्चे भी परीक्षा देने के लिए तैयारी करने में जुटे थे लेकिन विभाग द्वारा परीक्षा ही नहीं कराई। जिससे बच्चों को अपनी तैयारी का आकलन करने का मौका ही नहीं मिला। अब स्कूल में एक अक्टूबर को खुलेंगे। ऐसे में बीएसए चाहकर भी सितंबर माह में परीक्षा नहीं करा पाएंगे। जिलाधिकारी आनंद कुमार सिंह ने कहा कि यह प्रकरण मेरे संज्ञान में आया है। यह पूरी तरह से गलत है। बीएसए से इस बारे में जवाब तलब किया जाएगा।
भविष्य चौपट करने पर लगा है बेसिक शिक्षा विभाग सम्भल:
भले ही शासन परिषदीय विद्यालयों की व्यवस्था सुधारने के लिए कितने प्रयास कर ले लेकिन अधिकारियों ने परिषदीय विद्यालयों की व्यवस्था न सुधारने की कसम खा रखी है। जो विषय समय सत्र परीक्षा नहीं करा सकते वह विद्यालयों की व्यवस्था सुधारने में कितने गंभीर होंगे। यह आप भी आसानी समझ सकते है। अधिकारियों की के चलते बच्चों का भविष्य चौपट हो रहा है।
शिक्षामित्रों के आंदोलन में गुजर गया अभी तक का सत्र सम्भल:
इस बार के सत्र में परिषदीय विद्यालयों में नाम मात्र के लिए ही पढ़ाई हो सकी है। क्योंकि पिछले दो माह से शिक्षामित्र आंदोलित है। शिक्षामित्रों के आंदोलन के चलते जिले के कई स्कूल काफी दिनों तक बंद रहे। विभाग काफी प्रयास करने के बाद भी उन स्कूलों को खुलवा नहीं आया। अब शिक्षामित्रों ने स्कूल जाना शुरू किया तो बीएसए ने सत्र परीक्षा कराने की भी जहमत नहीं उठाई।
अभी हमें सत्र परीक्षा कराने का कोई आदेश नहीं मिला है। पिछली बार सितंबर माह तक परीक्षा हो गई थी। अगर कोई आदेश मिलता है तो परीक्षा कराई जाएगी -------कपिल मलिक, प्रधानाध्यापक इटायला माफी, सम्भल ब्लाक।
अभी तक परीक्षा कराने के लिए अधिकारियों की तरफ से कोई निर्देश नहीं मिले। निर्देश मिलते ही परीक्षा करा दी जाएगी-------मौकम सिंह, एनपीआरसी पवांसा ब्लाक।
जिन ब्लाकों में परीक्षा नहीं हुई है। उन्हें निर्देश दे दिए गए हैं कि वह सत्र परीक्षा करा ले। हालांकि परीक्षा सितंबर माह में ही होनी चाहिए थी
----------डॉ. सत्यनारायण बीएसए, सम्भल ।
जिले में सत्र परीक्षा नहीं हुई है। यह गंभीर विषय है। क्योंकि बच्चों के भविष्य के साथ खिलबाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बीएसए को परीक्षा करा देनी चाहिए थी। सत्र परीक्षा पूरे प्रदेश में हो चुकी है। इस मामले में जिलाधिकारी से फोन पर बता करूंगा और एक दो दिन में सम्भल भी आकर बता करूंगा। जिसने भी लापरवाही की है। उसे छोड़ा नहीं जाएगा। उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। --------बलदेव सिंह औलख, प्रभारी मंत्री सम्भल।
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