आगरा : कुछ अलग करने के जुनून में अधिकारियों के आदेश कई बार तुगलकी फरमान साबित होते हैं। यहां बीएसए के ऐसे ही एक फरमान से हजारों होनहार अपनी प्रतिभा प्रदर्शन से वंचित हो जाएंगे। बीएसए ने कहा है कि वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता में केवल वही बच्चे भाग ले सकेंगे, जिनके घरों में शौचालय हैं।
■ कई विद्यार्थी प्रतियोगिता से वंचित
सरकारी स्कूलों में कक्षा आठ तक ब्लॉक एवं जिलास्तर पर खेलकूद प्रतियोगिताएं 24 सितंबर से शुरू हो गई हैं, जो दो अक्टूबर तक चलेंगी। इन प्रतियोगिताओं को बीएसए अर्चना गुप्ता ने स्वच्छता मिशन से जोड़ दिया है। उन्होंने उन्हीं छात्र-छात्रओं को इन खेलों में प्रतिभाग कराने को कहा है, जिनके घरों में शौचालय बने हुए हैं। ऐसे में होनहार एवं खेल में रुचि रखने वाले हजारों विद्यार्थी प्रतियोगिता में भाग लेने से वंचित रह गए हंै। छात्रों और अभिभावकों ने इसे भेदभाव बताया है। छात्रों का कहना है कि इसमें उनका दोष नहीं है, फिर भी उन्हें सजा मिल रही है।
ग्रामीणों का कहना है कि बच्चों में प्रतिभा है, तो उसे क्यों रोका जा रहा है। जनजागरण के लिए अन्य तरीके भी हैं। विद्यालय के खेलकूद शिक्षक का कहना है कि आदेश का पालन किया जा रहा है। 1स्वच्छता के प्रति जागरूकता लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। ये आदेश भी उसी का एक हिस्सा है। - गिरजेश चौधरी, एडी बेसिक
ऐसा कोई आदेश संज्ञान में नहीं है, जानकारी करा लेता हूं। उसी के हिसाब से फैसला किया जाएगा। - गौरव दयाल, जिलाधिकारी
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