परिषदीय स्कूलों में शिक्षण कार्य प्रभावित देख अब प्रदेश सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। शिक्षामित्रों के प्रदर्शन के बीच बंद हुए स्कूलों से लेकर उनकी उपस्थिति तक जिला बेसिक शिक्षा कार्यालय से तलब की है। तल्ख तेवर को देख शिक्षा निदेशक (बेसिक) ने दो दिवसीय कार्यक्रम तय करते हुए प्रतिदिन की रिपोर्ट मांगनी शुरू की है। जिले में शुक्रवार को 170 शिक्षामित्र गैर हाजिर मिले थे।1सुप्रीम कोर्ट से मिले झटके बाद शिक्षामित्र आग बबूला है। जिले के अलावा वह प्रदेश व देश की राजधानी तक प्रदर्शन कर चुके हैं। ऐसे में प्राइमरी स्कूलों की पढ़ाई पर सबसे ज्यादा असर देखने को मिला है। 25 जुलाई के बाद से शिक्षण कार्य बहाल नहीं हो सका है। आंदोलन के बीच कई दिन स्कूलों में ताला लगा रहा। इन सब को देखते हुए शासन ने सख्त रुख अपनाया है। शिक्षामित्रों की संख्या से लेकर उनके उपस्थित होने का ब्योरा तलब किया है। बेसिक शिक्षा विभाग से प्रतिदिन के आंकड़े जुटाए जा रहे हैं। शिक्षा निदेशक की ओर से जारी आदेश के बाद शुक्रवार को प्रभारी बीएसए सहित बीइओ और एबीआरसी, संकुल प्रभारी, जिला समन्वयक द्वारा स्कूलों का मुआयना किया गया। जिले में 3260 के करीब शिक्षामित्र हैँ। इसमें 170 शिक्षामित्र अनुपस्थित मिले। प्रभारी बीएसए नसरीन फारूकी ने बताया कि गैर हाजिर शिक्षामित्रों की रिपोर्ट देर शाम बेसिक शिक्षा परिषद भेज दी गई। शनिवार को भी स्कूलों का मुआयना किए जाने के आदेश हुए हैं।
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