आपत्तिजनक
विद्यालय की रसोई घर का निर्माण न कराकर धनराशि डकार जाने और निर्माण में गोलमाल करने वाले शिक्षक पर महकमे ने नियमों से परे जाकर रहमदिली दिखा दी। शिक्षक की करतूतों को उजागर करते हुए बीईओ ने उसके वेतन रोकने की संस्तुति की। बावजूद इसके चार माह तक वित्त एवं लेखाधिकारी वेतन जारी करते रहे। दूसरे पत्र के बाद शिक्षक का मई माह में वेतन रोका तो गया लेकिन तत्कालीन बीएसए ने महज शपथपत्र लेकर ही वेतन आहरित कर दिया। हैरानी की बात तो यह है कि जेई ने अपनी जांच रिपोर्ट में भवनों के वृहद मरम्मत कराने का जिक्र किया था।
कसमंडा ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय जलालपुर के सहायक अध्यापक इंद्रसेन पर खूब दरियादिली दिखाई। शिक्षक इंद्रसेन से कार्यकाल के दौरान शिक्षण से अधिक विद्यालय की बाउंड्रीवाल, अतिरिक्त कक्षाकक्ष, शौचालय व रसोई घरों का निर्माण कराने में महारत हासिल कर ली। तत्कालीन बीईओ कसमंडा पीके पटेल ने शिक्षक के निर्माण कार्यों की फेहरिश्त खंगाली तो हर कदम पर खामियां मिलीं।
प्राथमिक विद्यालय भिठौली प्रथम के भवन निर्माण के दौरान ही लिंटर गिर गया तो पूर्व माध्यमिक विद्यालय पीरनगर में रसोई घर का निर्माण ही नहीं कराया और धनराशि निकालकर हजम कर गए। 12 स्कूलों की जांच रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए बीईओ ने जनवरी माह में शिक्षक इंद्रसेन के वेतन रोकने की संस्तुति की थी।
रिपोर्ट को नजरंदाज करते हुए वित्त एवं लेखाधिकारी अप्रैल माह तक वेतन आहरित करते रहे। मई माह में पुन: रिपोर्ट भेजे जाने के बाद शिक्षक का वेतन रोक दिया गया। चौंकाने वाली बात तो यह है कि जून माह में तत्कालीन बीएसए ने महज शपथपत्र लेकर उसका वेतन जारी कर दिया। शपथपत्र में शिक्षक ने कहा है कि मेरे द्वारा कराए गए सभी कार्य पूर्ण हैं। सवाल यह उठता है कि फिर बीईओ व अवर अभियंता की जांच रिपोर्ट गलत है। शिक्षक ने शपथपत्र में यह भी कहा कि अगर कोई निर्माण कार्य अधूरा मिलता है तो वह विभाग के निर्देशों का पालन करेंगे। शिक्षक के वेतन बहाल करने में जांच रिपोर्ट को आधार न मानकर शपथपत्र के आधार पर वेतन जारी कर दिया गया। अहम तो यह भी है कि आखिर ऐसी कौन सी वजह थी जो आरोपी शिक्षक के वेतन जारी करने में विभाग ने नया तरीका ही खोज निकाला।’संस्तुति के बाद भी वेतन देते रहे वित्त एवं लेखाधिकारी
’मई में रोका वेतन शपथपत्र लेकर जून में कर दिया बहालमुङो प्रकरण गंभीर है। इस मामले की दो सदस्यीय टीम गठित करके जांच कराई जाएगी। जांच रिपोर्ट में दोष सिद्ध हुआ तो आरोपी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अजय कुमार, बीएसए
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