इलाहाबाद : योगी सरकार ने उच्च शिक्षण संस्थानों में नकल पर नकेल की तैयारी कर ली है। शासन ने इसके लिए उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम 1998 के अंतर्गत नियमावली तैयार की है।
इसे लागू करने से पहले शासन की विशेष सचिव मधु जोशी ने सभी राज्य व मुक्त विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को पत्र लिखकर नियमावली में सुधार के लिए सुझाव मांगा है। इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय ने अपना सुझाव भेज दिया है। विशेष सचिव शासन मधु जोशी ने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ, डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा, महात्मा ज्योतिबा फूले रुहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली, लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ, दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु, इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय, जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय, बलिया, डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विश्वविद्यालय लखनऊ व उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय इलाहाबाद को पत्र लिखकर कहा है कि वे प्रस्तावित विनियमावली के आधार पर अपने आख्या/सुझाव जल्द से जल्द शासन को भेज दें।
विश्वविद्यालय द्वारा भेजे जाने वाले संशोधनों व सुझावों को शामिल करते हुए नई नियमावली तैयार होगी। नियमावली में परीक्षा केंद्रों का निर्धारण, सेंटर सुपरिटेंडेंट, आब्जर्वर की नियुक्ति, परीक्षा केंद्रों का बदलना, धारा 144 का लागू करना, नकल के नियम, पेनाल्टी आदि उल्लिखित है। विनियमावली में सेल्फ सेंटर न बनाने का भी प्रावधान है। इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि विनियमावली के संबंध में पत्र प्राप्त हुआ है। हमने अपने सुझाव शासन को भेज दिए हैं।
नियमावली में छात्रों पर तो कार्रवाई की बात की गई है पर सामूहिक नकल कराने वाले महाविद्यालयों पर कड़े प्रावधान नहीं है। सामूहिक रूप से नकल कराने वाले महाविद्यालयों के परीक्षा केंद्र निरस्त करने के साथ ही साथ अर्थदंड लगाने का सुझाव दिया है। इससे सामूहिक नकल पर रोक लग सकेगी। साथ ही परीक्षा कक्षों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का भी सुझाव भेजा गया है।
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