डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा में बीएड सत्र 2004-05 में 4570 फर्जी अंकतालिकाएं बांटी गईं। इस बात की आशंका है कि इसी आधार पर परिषदीय विद्यालयों में सहायक अध्यापकों के पद पर नियुक्तियां हुई होंगी। बेसिक शिक्षा सचिव ने मंडलीय उप शिक्षा निदेशक (बेसिक) से मण्डल में 2005 के बाद हुई नियुक्तियों की जांच के आदेश देते हुए 10 नवंबर तक जवाब देने को कहा है। कोर्ट में लंबित प्रकरण के आधार पर जब पुलिस और एजेंसियों ने जांच की तो पता चला कि सत्र 2004-05 में 3517 छात्रों के टेबुलेशन चार्ट में अंक बढ़ाए गए थे। 1053 छात्रों की अंकतालिकाओं मे टेंपरिंग भी की गई थी। इन छात्रों में से बड़ी संख्या में प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक और गणित-विज्ञन शिक्षक बनने में सफलता पाई है। संदिग्ध छात्रों की सूची अपर पुलिस अधीक्षक विशेष अनुसंधान दल उत्तर प्रदेश ने जारी की है।
कानपुर वरिष्ठ संवाददाता
सचिव ने एडी बेसिक से कहा है कि वे अपने जनपदों में 2005 के बाद की प्रत्येक नियुक्ति की जांच कर उसके दस्तावेज तैयार कराएं। इसकी जानकारी सीधे सचिव को भेजी जाए। आशंका है कि कानपुर मण्डल में भी नियुक्तियां हुई होंगी। इनका पुलिस वेरीफिकेशन भी कराया जाएगा। यदि ऐसे शिक्षक मिलते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी करनी होगी।
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