राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गाड़ी पटरी पर आ तो गई है लेकिन इसमें अभी और सुधार की आवश्यकता है। समय के साथ इसमें जो भी परिवर्तन किया जाएगा उससे शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी। पारदर्शी शिक्षा व्यवस्था के जरिए नौजवानों का सदुपयोग किया जा सकता है। 2025 तक भारत दुनिया का सबसे बड़ा युवाओं वाला देश होगा। जरूरत है उन्हें सही दिशा में ले जाने की। वह शनिवार को वीर बहादुर सिंह पूर्वाचल विश्वविद्यालय में पं.दीनदयाल उपाध्याय जन्मशती वर्ष के उपलक्ष्य पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में बोल रहे थे।
भारतीय विश्वविद्यालय शिक्षा पद्धति विषयक तीन दिवसीय संगोष्ठी का शुभारंभ करते हुए राज्यपाल ने कहा कि युवा देश की सबसे बड़ी पूंजी हैं। उनका उपयोग देश के विकास में होना चाहिए। कहा कि दुनिया में आतंकवाद बढ़ रहा है। युवा ही इसे अंजाम देते हैं। लेकिन, ये गलत है, हमें युवाओं की हिम्मत का प्रयोग सार्थक दिशा में करना है, इसलिए हमें ऐसी शिक्षा व्यवस्था तैयार करनी है ताकि उसका उपयोग तरक्की में किया जा सके। किसी भी विश्वविद्यालय की शिक्षा वहां के शैक्षिक कैलेंडर पर निर्भर करती है ताकि समय पर प्रवेश, पढ़ाई, परीक्षा, परिणाम, दीक्षांत समारोह हो सके। इससे महिला सशक्तीकरण को बल मिलेगा।
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