महराजगंज : बिजली के अभाव में लालटेन की रोशनी में अंधेरे में पढ़ाई करने को मजबूर कस्तूरबा गांधी विद्यालय की बेटियों के लिए अच्छी खबर है। अब उन्हें अंधेरे से जंग नहीं लड़ना होगा। विद्यालय परिसर में जल्द ही सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जाएंगे जिससे उनकी समस्याएं दूर हो जाएंगी। सब कुछ ठीक रहा तो नेडा द्वारा नवंबर तक विद्यालयों में संयंत्र स्थापित करा दिए जाएंगे। कक्षा छह से आठ तक की छात्राओं को आवासीय शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए जिले के सभी ब्लाकों व निचलौल स्थित वन ग्राम में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय स्थापित किया गया है। ग्रामीण क्षेत्र में विद्यालय स्थापित होने के कारण छात्रओं व शिक्षक-शिक्षिकाओं को निरंतर बिजली व्यवस्था की समस्या से जूझना पड़ा। इससे जहां पूरे परिसर में अंधेरा छाया रहता था , वहीं छात्राओं को पढ़ने व शिक्षिकाओं को पढ़ाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। पूर्ववर्ती सपा सरकार में सभी जिलों में स्थित कस्तूरबा विद्यालयों में सौर उर्जा संयंत्र स्थापित कराने के प्रस्ताव मांगे गए तथा उसे स्वीकृत करते हुए धनराशि जारी कर दी गई। सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने का जिम्मा नेडा को दिया गया मगर संयंत्र की अनुपलब्धता की वजह से उसे लगाया नहीं जा सका। अब जबकि पर्याप्त मात्र में संयंत्र मौजूद हैं तो नेडा द्वारा कस्तूरबा परिसर में संयंत्र स्थापित किए जाने के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। सौर ऊर्जा से बिजली मिलने के उपरांत आवासीय भवन तथा संपूर्ण परिसर से अंधेरा गायब हो जाएगा तथा छात्रओं को शिक्षण कार्य करने में भी किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी।
इस सप्ताह शुरू करा दिया जाएगा संयंत्र लगाने का कार्य - पीओ नेडा
नवीन एवं नवीकरणीय उर्जा विकास अभिकरण के परियोजनाधिकारी सीताराम सिंह ने बताया कि जिले के सभी 13 कस्तूरबा में सौर उर्जा संयंत्र लगाने का कार्य इस सप्ताह शुरू करा दिया जाएगा। उम्मीद है कि नवंबर तक सभी कस्तूरबा में संयंत्र स्थापित हो जाएंगे।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जगदीश प्रसाद शुक्ल ने कहा कि कस्तूरबा गांधी बालका विद्यालय में सौर उर्जा संयंत्र स्थापित होना सभी के लिए सुविधाजनक है। छात्रएं हों या फिर स्टाफ के सदस्य, सभी की समस्याएं कम होंगी।
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