इलाहाबाद : प्राथमिक स्कूलों के शिक्षक चयन में फर्जीवाड़ा पकड़े जाने के बाद अब माध्यमिक कालेजों में शिक्षक भर्ती पर भी अंगुलियां उठ रही हैं। इसकी वजह यह है कि माध्यमिक कालेजों में शिक्षक बनने की अहम अर्हता बीएड ही रही है। वहां जालसाजी से इन्कार नहीं किया जा सकता है। चयन बोर्ड और मंडलों से शिक्षकों का चयन होने के बाद नियुक्ति कालेजों में मिली है, लेकिन उनके अभिलेखों की गहनता से जांच अब तक नहीं हुई है।
डा. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा से 2004-05 के बीएड सत्र के परिणाम में फर्जी अंकतालिकाएं और प्रमाणपत्र पकड़े गए हैं। प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक पद पर 4570 शिक्षक इन अंक पत्रों के आधार पर नौकरी पा चुके हैं, जिन पर कार्रवाई करने का निर्देश हुआ है। बेसिक स्कूलों में शिक्षक पद पर बीएड के साथ ही बीटीसी व अन्य प्रशिक्षण कोर्स करने वालों को भी नियुक्ति मिली है, ऐसे में यह संख्या कम हो सकती है, लेकिन प्रदेश के अशासकीय माध्यमिक कालेजों और राजकीय हाईस्कूल व इंटर कालेजों में हुई शिक्षक भर्तियों में बीएड प्रशिक्षण के आधार पर ही नियुक्तियां हुई हैं।
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