इलाहाबाद : राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में चल रही शिक्षक भर्ती पर रोक लगा दी है। आयोग के निदेशक कौशल कुमार ने कुलपति को पत्र लिखकर कहा है कि जब तक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग इस मामले में हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट के आदेश का सम्यक परीक्षण न कर ले और अपनी संस्तुतियां मानव संसाधन विकास मंत्रलय को न भेज दे तबतक शिक्षक भर्ती को रोक दिया जाए। उधर, विश्वविद्यालय ने हाईकोर्ट के 2016 में आए आदेश के मुताबिक शिक्षक भर्ती जारी रखने की बात कही है।
भारतीय जनता पार्टी के अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व कौशांबी के सांसद विनोद सोनकर ने 21 अक्टूबर 2017 को इविवि में चल रही शिक्षक भर्ती में आरक्षण पॉलिसी के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के निदेशक कौशल कुमार को एक प्रत्यावेदन दिया था। इस प्रत्यावेदन में शिक्षक भर्ती में बैकलॉग के 67 पदों को शिक्षक भर्ती के विज्ञापित 542 पदों में मर्ज करने पर भी आपत्ति दर्ज की गई थी। कहा गया था कि इसे बैकलॉग की भर्ती के तहत अलग से विज्ञापित किया जाना चाहिए।
इस प्रत्यावेदन का संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने इस मामले की जांच कराने का निर्णय लिया है। निदेशक कौशल कुमार ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र लिखकर कहा कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में आयोग ने कहा है कि जब तक इस मामले में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग व मानव संसाधन विकास मंत्रलय कोई नियम न बना दे तक तक भर्ती न की जाए।
आयोग ने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रतन लाल हांगलू को नोटिस जारी कर तय समय सीमा में जवाब देने को कहा है। तय समय सीमा में जवाब न आने पर विश्वविद्यालय के कुलपति को आयोग के समक्ष तलब करने की चेतावनी भी दी है।
इविवि के जनसंपर्क अधिकारी प्रो. हर्ष कुमार ने कहा कि जो भी चयन प्रक्रिया चल रही है वह जगदीश वर्मा की याचिका पर 12 अक्टूबर 2017 को इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय के अनुसार हो रही है। विज्ञापन में हमने पहले ही लिख रखा है कि भर्ती परिणाम एमएचआरडी व यूजीसी के निर्णयों के अधीन होगी। आयोग के पत्र का जवाब तय समय सीमा में भेज दिया जाएगा।
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