परिषदीय अध्यापकों-कर्मचारियों को वेतन खाते जिले की बैंक शाखाओं में ही स्थानान्तरित कराने होंगे। पेंशनर्स की तर्ज पर लागू होने वाली नई व्यवस्था के लिए ऐसा करना अनिवार्य होगा। खंड शिक्षा अधिकारियों को वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा द्वारा निर्देश जारी किए गए हैं। उधर उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने नए निर्देशों को शिक्षक विरोधी करार दिया है। बेसिक शिक्षा परिषद के अंतर्गत आने वाले प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों व कर्मचारियों के वेतन प्रतिमाह करीब 30 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। इन स्कूलों में नामांकित बच्चों की संख्या 1.72 लाख से ज्यादा है। ब्लाक स्तर से खंड शिक्षा अधिकारियों द्वारा वेतन बिल भुगतान के लिए वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा कार्यालय भेजे जाते है। शासन से जारी अनुदान के आधार पर वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा कार्यालय द्वारा वेतन का भुगतान कोषागार के माध्यम से किया जाता है।
जिले में खाते खुलवाने के निर्देश: ऐसे शिक्षक जिनके वेतन खाते जिले के बैंकों में नही है, के बारे में वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा पारसनाथ गुप्ता ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजे हैं। निर्देश हैं कि इन अध्यापकों-कर्मचारियों के वेतन खाते अनिवार्य रूप से जिले की बैंक शाखाओं में ही स्थानान्तरित कराकर नवीन शाखा की मुहर सहित पासबुक की छायाप्रति कार्यालय को उपलब्ध कराएं।16500 से अधिक अध्यापक-कर्मचारी: जिले के 1355 प्राथमिक व 576 उच्च प्राथमिक स्कूलों में करीब 6500 अध्यापक व कर्मचारी कार्यरत हैं। सूत्रों के मुताबिक 600 से ज्यादा अध्यापक ऐसे हैं जिनके वेतन खाते गैर जिलों में हैं। ये अध्यापक मूल रूप से गैर जिलों के निवासी है। अभी तक इनके द्वारा उपलब्ध कराए गए बैंक खातों में वेतन का भुगतान किया जा रहा है
No comments:
Write comments