हाईकोर्ट ने जौनपुर के इंटरमीडिएट कालेज में अध्यापकों की फर्जी नियुक्ति मामले में तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। कृपा शंकर तिवारी की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण टंडन और न्यायमूर्ति राजीव जोशी की पीठ ने दिया। याचिका पर अधिवक्ता पंकज कुमार उपाध्याय ने पक्ष रखा।
याचिका के अनुसार जौनपुर इंटर कालेज नेवड़िया में बिना स्वीकृत पद के 20 अध्यापकों की फर्जी तरीके से नियुक्ति कर दी गई। इनको राज्य सरकार के खजाने से वेतन भी जारी किया जाता रहा। मामला खुलने पर माध्यमिक शिक्षा सचिव ने इसकी जांच की और कालेज के प्रधानाचार्य तथा प्रबंधक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। कोर्ट ने कहा कि फर्जी तरीके नियुक्त अध्यापकों को सरकारी खजाने से वेतन दिया जाता रहा, ऐसा जिला विद्यालय निरीक्षक की मंजूरी के बिना संभव नहीं है।
कोर्ट ने संबंधित दोषी डीआइओएस के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। माध्यमिक शिक्षा सचिव ने कोर्ट को बताया कि डीआइओएस पर मुकदमा दर्ज कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दे दिया गया है।
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