बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी अंकपत्र व प्रमाणपत्र के सहारे नौकरी पाने वालों की जांच हो रही है। जांच के दायरे में कौशांबी भी है। यहां डायट से प्रशिक्षण लेने के बाद विभिन्न जिलों में नौकरी कर रहे तीस शिक्षक अब तक पकड़े गए हैं। जांच के बाद उनको बर्खास्त कर दिया गया है। अन्य की जांच की जा रही है। कौशांबी में जिला शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान भी फर्जीवाड़े से अछूता नहीं है। फर्जी प्रमाणपत्र के सहारे डायट से कइयों ने प्रशिक्षण लिया, और शिक्षक बन गए। ऐसे फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर डायट में ट्रेनिंग ली गई है। 23 अक्टूबर को बेसिक शिक्षा परिषद से मिले एक पत्र के बाद जिला शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान में हलचल मच गई है। दो लोगों ने फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी पाई है। विभाग की ओर से इन दो शिक्षकों को किंग जर्ज मेडिकल कॉलेज भेजकर उनकी दिव्यांगता की जांच कराई जा रही है। अब भी तक डायट को रिपोर्ट नहीं मिली है। रिपोर्ट गलत मिली तो दोनों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी।
पहले भी पकड़े फर्जीवाड़े : जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान कौशांबी में 2005 के बाद से प्रशिक्षण लेने वालों पर फर्जी डिग्री का प्रयोग का आरोप लगने लगे थे। इसके साथ ही इस मामले की जांच को लेकर समय-समय पर मांग भी की जाने लगी, लेकिन वर्ष 2013 में पुलिस के सामने फर्जी डिग्री का मामला प्रकाश में आया। पुलिस ने एक वाहन से करीब दर्जन भर फर्जी अंकपत्र बरामद किए। पुलिस की जांच में डायट के एक लिपिक के साथ ही तीन अन्य बाहरी लोगों ने नाम प्रकाश में आए, जिसकी जांच अब तक चल रही है। मामले को लेकर पुलिस की जांच कहां तक पहुंची। इसको लेकर उनके पास भी कोई जवाब नहीं है।
प्रतापगढ़ के छह और फतेहपुर के 16 ने भी लिया प्रशिक्षण : जनवरी 2017 से अब तक कौशांबी के डायट में प्रशिक्षण लेने वाले 30 लोगों को पकड़ा गया, जिसमें कौशांबी व प्रतापगढ़ में छह और फतेहपुर में 16 शिक्षक पकड़े गए थे। जो कौशांबी डायट से प्रशिक्षण लेने के बाद नौकरी कर रहे थे। सभी को बर्खास्त कर दिया गया है।
कौशांबी के अलावा प्रतापगढ़ और फतेहपुर के भी फर्जी शिक्षक शामिल 1 जनवरी से अब तक कौशांबी के पकड़े गए तीस फर्जी शिक्षक पूर्व में क्या हुआ है इसकी ज्यादा जानकारी नहीं है। वर्तमान में दिव्यांग प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी कर रहे दो शिक्षकों की जांच चल रही है। 23 अक्टूबर को बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से आदेश मिला है। किंग जर्ज मेडिकल कॉलेज से जांच अभी तक जांच रिपोर्ट नहीं मिल सकी है। अशोक कुमार, प्राचार्य डायट कौशांबी।
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