शिक्षा महकमे में इन दिनों ‘लेडीज फस्र्ट’ पर पूरी तरह से अमल हो रहा है, वहीं पुरुष संवर्ग हाशिए पर है। हाल में ही 144 राजकीय बालिका हाईस्कूल कालेजों में प्रधानाध्यापिकाओं का प्रमोशन कर दिया है, जबकि एलटी ग्रेड पुरुष संवर्ग की पदोन्नति तीन साल से नहीं हुई है। हर बार वरिष्ठता सूची तय करते समय कोई न कोई नया पेंच फंस रहा है। इससे शिक्षकों के एक वर्ग में विभागीय अफसरों के प्रति नाराजगी बढ़ रही है।
प्रदेश भर के राजकीय हाईस्कूल व इंटर कालेजों में प्रवक्ता व प्रधानाध्यापक पद पर पदोन्नति नहीं हो पा रही है। इधर के वर्षो में महिला शिक्षकों को कुछ माह के अंतराल पर लगातार प्रमोशन मिल रहे हैं। एलटी ग्रेड पुरुष संवर्ग को प्रमोशन न मिलने की वजह वरिष्ठता सूची तैयार न होना है। पहले लंबे समय तक कोर्ट का सहारा लेकर अफसरों ने इसे लटकाए रखा। बाद में दबाव पड़ने पर मंडलों से वरिष्ठता सूची मांगी गई, इस सूची के मंडलों से शिक्षा निदेशालय तक पहुंचने में एक साल लग गया। सारे मंडलों की सूची आने के बाद भी वरिष्ठता को लेकर अब भी असमंजस बना है। इसी बीच यह सामने आया कि कुछ वर्ष पहले एलटी ग्रेड शिक्षकों का अधीनस्थ चयन आयोग से ही नियुक्ति मिली है। ऐसे में वहां से भी चयनित शिक्षकों की सूची मांगी गई है। इस समय अधीनस्थ आयोग में पुनर्गठन की प्रक्रिया चल रही है, ऐसे में सूची उपलब्ध नहीं हो पा रही है। एलटी ग्रेड पुरुष संवर्ग के शिक्षक शिक्षा निदेशालय में अफसरों की मनुहार करते थक चुके हैं। इसकी शिकायत मुख्यमंत्री और हाल में ही राज्यपाल तक से की गई है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल रहा है।’>>राजकीय कालेजों के एलटी ग्रेड पुरुष संवर्ग की पदोन्नति का मामला 1’>>अब अधीनस्थ आयोग से भर्ती शिक्षकों की सूची मांगी गई 1
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