प्रदेश सरकार ने उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के अध्यक्ष और चार सदस्यों के रिक्त पदों पर चयन प्रक्रिया शुरू कर दी है। अपर मुख्य सचिव संजय अग्रवाल की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर इन पदों के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित किए गए हैं।इस आदेश के जारी होने के बाद माना जा रहा है कि उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का विलय कर नया आयोग गठित किए जाने का मामला ठंडे बस्ते में चला गया है। सूबे में भाजपा की सरकार बनने के बाद इन दोनों भर्ती संस्थाओं का विलय कर नया आयोग गठित किए जाने की कवायद शुरू हुई थी। अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में शासनस्तर पर हुई बैठक में यह निर्णय हुआ था और नए आयोग के नियम-निर्देश बनाने के लिए ड्राफ्ट कमेटी का गठन भी किया गया था। साथ ही नए आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की योग्यता और चयन का मानक भी तय कर लिया गया था।अध्यक्ष और सदस्य दे चुके हैं इस्तीफा: नए आयोग के गठन की कवायद के बीच उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के अध्यक्ष प्रभात मित्तल और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के अध्यक्ष हीरालाल गुप्ता सहित दोनों भर्ती संस्थाओं के सदस्यों ने पिछले दिनों शासन को अपना इस्तीफा सौंप दिया था।
नया आयोग गठित किए जाने की कवायद के बीच दोनों भर्ती संस्थाओं में दस हजार से अधिक पदों पर चयन अटका हुआ है। जबकि इन संस्थाओं की ओर से विज्ञापित पदों के लिए 13 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं। उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग द्वारा विज्ञापन संख्या 47 के तहत विज्ञापित असिस्टेंट प्रोफेसर के 1150 और सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में प्राचार्यों के 284 पदों पर चयन नहीं हो पा रहा है।
उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग में अध्यक्ष और सदस्य के चार पदों के लिए 16 नवंबर तक आवेदन लिये जाएंगे। अध्यक्ष की नियुक्ति पांच साल या 68 वर्ष (इनमें से जो पहले हो) के लिए होगी। इसी तरह सदस्य की नियुक्ति पांच साल या 65 वर्ष के लिए किए जाने का प्रावधान किया गया है। अध्यक्ष को बतौर मानदेय 68 हजार और सदस्य को 57 हजार रुपये दिए जाएंगे। अपर मुख्य सचिव की ओर से जारी आदेश में अध्यक्ष और सदस्य की योग्यता का भी विस्तार से उल्लेख किया गया है।
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