बोर्ड का प्रशासन हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा कराने में विशेष एहतियात बरत रहा है। कंप्यूटर से तय होने वाले परीक्षा केंद्रों पर सवाल उठने पर तत्काल उसके विकल्प का इंतजाम पहले ही खोज लिया गया है। हर जिले के लिए परीक्षा केंद्रों की प्रतीक्षा सूची भी बनाई जाएगी। जरूरत पड़ने पर इस सूची के विद्यालयों को केंद्र बनने का मौका मिलेगा। बोर्ड के इस कदम से केंद्र निर्धारण की चूक से परीक्षा प्रभावित नहीं होगी, वहीं केंद्र बनने को लालायित स्कूलों को साधने में भी आसानी रहेगी। 1माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा 2018 का कार्यक्रम जारी हो चुका है। इस बार परीक्षा केंद्रों का निर्धारण सबसे बड़ी चुनौती है, क्योंकि यह कार्य बोर्ड खुद कंप्यूटर के जरिए करा रहा है। वही स्कूल केंद्र बनेंगे, जो संसाधन से युक्त हैं और जिला विद्यालय निरीक्षकों ने स्थलीय निरीक्षण करके अच्छी रिपोर्ट दी है। यही नहीं राजकीय व अशासकीय विद्यालयों को ही केंद्र बनाने में वरीयता देनी है इससे केंद्रों की संख्या भी काफी कम होने की उम्मीद है। पूरा केंद्र निर्धारण विद्यालय में उपलब्ध संसाधन के आधार पर मिलने वाले अंकों, एक से दूसरे के बीच की दूरी व धारण क्षमता पर होना है। 1पिछले दिनों तमाम जिलों ने एक से दूसरे विद्यालय के बीच दूरी बताने में खामी कर दी थी, जिस पर दोबारा सत्यापन कराया गया। वहीं, संसाधनों की डाटा फीडिंग जिला स्तर पर हो रही है। इससे केंद्र निर्धारण में चूक भी हो सकती है। ऐसे में परीक्षा प्रभावित न हो इसके लिए हर जिले में केंद्र बनने के दावेदारों की प्रतीक्षा सूची जारी होगी, ताकि जरूरत पड़ने पर उन स्कूलों को मौका दिया जा सके। यह प्रतीक्षा सूची जिले के कुल केंद्रों को देखते हुए बनेगी। प्रतीक्षा सूची के स्कूलों को अपरिहार्य स्थिति में ही मौका मिलेगा, लेकिन परीक्षा शुरू होने तक सूची में शामिल स्कूल केंद्र बनने की उम्मीद जरूर संजोए रखेंगे। बोर्ड सचिव नीना श्रीवास्तव ने बताया कि यह कदम परीक्षा को सकुशल संपन्न कराने के तहत उठाया गया है, ताकि शासन के निर्देश किसी भी दशा में फेल न होने पाएं।
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